
नागपुर : कोविड-19 के खतरे को देखते हुए गणेश मंडलों ने प्रशासन के नियमों के मुताबिक गणेशोत्सव सादगीपूर्वक मनाने का फैसला लिया है. गणेशोत्सव में न तो ढोल-ताशों की गर्जना होगी और न ही आगमन व विसर्जन पर शोभायात्राएं निकलेंगी. मुंबई, पुणे, कोल्हापुर और अन्य शहरों की तरह नागपुर में मंडल 4 फुट ऊंची प्रतिमा की स्थापना करेंगे. रास्तों पर पंडाल डालने की अनुमति नहीं है, ऐसे में कई मंडल मंदिरों में प्रतिमा स्थापित कर परंपरा को कायम रखेंगे. प्रशासन का सहयोग करते हुए सांस्कृतिक स्पर्धा और कार्यक्रम नहीं होंगे.
संती गणेशोत्सय व सांस्कृतिक मंडल…
मंडल के प्रमुख प्रतिनिधि संजय चिंचोले ने बताया कि गणेशोत्सव सादगी से मनाया जाएगा. सीए रोड पर इस वर्ष छोटा काल्पनिक मंदिर साकार किया जाएगा. यहां सुबह और शाम को पारंपरिक पूजा और आरती की जाएगी. 10 दिवसीय उत्सव में परिसर के बाहर के लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होगा. थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी. ऑनलाइन स्पर्धा व स्वास्थ्य जांच शिबिर लगाए जाएंगे.
अशोक स्तंभ गणेशोत्सय मंडल…
मंडल के हरीश महानन ने बताया कि गांधी पुतला, इतवारी, महाल परिसर में 8 से 10 गणेश मंडल हैं. प्रत्येक मंडल स्वतंत्र रूप से गणेश प्रतिमाएं स्थापित करेंगे. प्रतिमाएं मंदिर में स्थापित की जाएगी. भक्त सुरक्षित दूरी और अन्य निर्देशों का पालन करेंगे.
नागपुर का राजा…
रेशिमबाग में जागापुर का राजा गणेशोत्सव मंडल द्वारा निर्णय लिया गया है कि अक्त अपने घरों में ही बाप्पा की आराधना करें, मंडल के प्रमुख दीपक जयस्वाल ने कहा कि गणेशोत्सव के दौरान भक्तों की आस्था को रोका नहीं जा सकता. ऐसे में परिसर में उन्हे प्रवेश से रोक पाना कठिन होगा. कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए इस वर्ष गणेशोत्सव सादगीपूर्वक घरों में ही मनाया जाएगा.
दक्षिणामूर्ति गणेशोत्सव मंडल…
महाल के दक्षिणामृर्ति गणेशोत्सव मंडल के विवेक धाक्रस ने बताया कि भक्तों को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. कोविड-19 संक्रमण न हो, इसके लिए उचित प्रबंध किए जाएंगे. पदाधिकारियों की उपस्थिति में सुबह और शाम को पूजा और आस्ती की जाएगी. किसी प्रकार की सजावट नहीं की जाएगी.