- धार्मिक , नागपुर समाचार

इटगांव में आनंद मार्ग प्रचारक संघ का तीन दिवसीय सेमिनार का शुभारंभ हुआ।

संसार का संचालन करते है परमपिता- आचार्य रूद्रप्रकाशानंद अवधूत।

इटगांव में आनंद मार्ग प्रचारक संघ का तीन दिवसीय सेमिनार का शुभारंभ हुआ।

NBP NEWS 24

28 JAN 2022

नागपुर:- शुक्रवार 28 जनवरी को नागपुर जिला स्थित इटगांव के आनंद मार्ग आश्रम में आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से तीन दिवसीय सेमिनार का शुभारंभ सम्पन्न हुआ। समाज में साथ साथ रहना के लिए , मानवता वाद आदि विषयों पर चर्चा सेमिनार में होगी। समाज में फैली हुई विषमता, गरीबी, शोषण और अंधविश्वास से मुक्ति दिलाने के लिए प्रगतिशील उपयोगी तत्व बहुत ही सुंदर साधन आत्मसात करने हेतु इटगांव स्थित आनंद मार्ग आश्रम में आनंद मार्ग प्रचारक संघ द्वारा तीन दिवसीय सेमिनार कार्यक्रम का शुभारंभ हाे गया। सेमिनार की शुरुआत में आनंदमार्ग के संस्थापक आनंदमूर्ति के तैल्य चित्र में पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा सुमन व्यक्त किया गया। त्रिदिवसीय धर्म सम्मेलन के प्रथम दिन इटगांव, नागपुर जिला के समस्त आनंद मार्गी एवं उसके आसपास के आनंद मार्गीओं ने प्रवचन का मानसिक एवं आध्यात्मिक लाभ उठाया।

कार्यक्रम का शुभारंभ बाबा नाम केवलम के तीन घंटे के अखंड संकीर्तन से हुआ। इसके बाद आनंदमार्गियों ने प्रभात संगीत, साधना, योगासन, पाञ्जन्य, ईश्वर प्रणिधान आदि गतिविधि की। आचार्य रूद्रप्रकाशानंद अवधूत (सेंट्रल ट्रेनर) ने कहा कि चींटियों के पास आँख नही होती पर चेतना से उन्हें सब पता चल जाता है इसी तरह, गरुड़, कुकुर, बिल्ली तथा अन्य पशु-पक्षी एवं प्राणियों को सब पता चल जाता है इसी तरह आनंद मार्गियों पता है कि उन्हें क्या करना है। आपातकाल के दौरान क्या करना है। आनंद मार्ग के शुरुआत में काफी कम संख्या में अनुयायी थे फिर आनंद मार्ग का सफर चलता रहा और आनंद मार्गियों की संख्या बढ़ती गई आज विश्व में ऐसा कोई शहर या गाँव नही है जहां आनंद मार्ग के मार्गी नही है।

विलासिता और विपन्नता दोनों ही मानवता के शत्रु हैं। विलासिता में मनुष्य भोग के पंक में फंसकर जड़ बन जाता है। वहीं विपन्न मनुष्य न्यूनतम आवश्यकता की पूर्ति के भाग दौड़ में अपना जीवन का बहुमूल्य समय लगा देता है। उन्होंने कहा कि आनंद मार्ग एक अध्यात्मिक आंदोलन है। समाज में फैली हुई विषमता, गरीबी, शोषण और अंधविश्वास से मुक्ति दिलाने के लिए प्रगतिशील उपयोगी तत्व बहुत ही सुंदर साधन हैं। समाज में फैली परमा प्रकृति मां है और परम पुरुष सब के पिता है।

इस मौके पर आचार्य सत्यदेवानंद अवधूत (रीजनल सेक्रेटरी), आचार्य शिवात्मानंद अवधूत (डाओसिस सेक्रेटरी), आचार्य रामसेवानंद अवधूत (आयोजक), आचार्य जगतदेवानंद अवधूत, अवधूतिका उत्तिर्ना आचार्य, अवधूतिका सोमप्रिया आचार्या, पूर्व सरपंच धनराज जी, ज्योतीताई द्विवेदी ( सचिव, आदर्श बहुउद्देशिय् शिक्षण संस्था), नेतलाल पटले, मारोतीराव बुटले, माधुरी विशाल साल्वे, ममता मेन्ढेकर, विनोद शेल्के, रंजीत मेन्ढेकर, मीनाक्षी प्रवीण रामटेक्कर, कुंदा वाघमरे, कौशिकी द्विवेदी, आर.पी. शर्मा, शनिल सिंग सहित दर्जनों की संख्या में आनंदमार्गी उपस्थित थे। कार्यक्रम में आचार्य रंदेवानंद अवधूत जी संचालन किया।

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