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नागपुर में लॉकडाउन रिटर्न्स:एक साल बाद देश का पहला शहर जहां फिर लॉकडाउन लगा, पहले से ज्यादा सख्ती.

NBP NEWS 24,
16 MARCH 2021.

नागपुर:- नागपुर देश का पहला शहर बन गया है, जहां सालभर पहले की कहानी दोहराई जा रही है। शहर में न सिर्फ कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं, बल्कि यहां की सड़कें एक बार फिर सूनी हो चली हैं। वजह है साल का दूसरा लॉकडाउन। पिछले साल 25 मार्च को देश भर में लॉकडाउन लगा था। अब ठीक एक साल होने में जब 10 दिन बचे थे, तभी नागपुर देश का पहला शहर बन गया, जहां पूरी तरह से एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन लगाया गया है।

नागपुर की मुख्य सड़क पर इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए। जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी दुकानें बंद हैं और कॉलोनियों में सन्नाटा पसरा है।

नागपुर में पिछले दो दिन से लगातार 2 हजार से ज्यादा कोरोना के मामले आ रहे हैं। संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए शहर में 15 मार्च से 21 मार्च तक फिर से लॉकडाउन लगा दिया गया है। किराना, दूध, फल और सब्जी की दुकानों को छोड़कर सभी चीजें बंद हैं। लॉकडाउन का पहला दिन होने के कारण नागपुर की सड़कों पर पुलिस मुस्तैद नजर आई। ज्यादातर लोग घरों में थे और जो बाहर भी थे उन्होंने अपने चेहरे पर मास्क लगाया था।

 

सड़कों पर दिखे बुजुर्ग और नौकरीपेशा लोग
लॉकडाउन में सिर्फ पास वाले नौकरीपेशा लोगों को सीमित संख्या में छूट दी गई है। चिकित्सा, पैरामेडिकल और आपातकालीन सेवाओं से जुड़े लोगों को लॉकडाउन के बावजूद बाहर आने की अनुमति है। 25% उपस्थिति के साथ सरकारी ऑफिस को भी खोला गया है।

शहर के बाहर इंडस्ट्रियल एरिया में कार्यरत प्राइवेट कंपनियों में भी सीमित संख्या में लोगों को जाने की अनुमति दी गई है। सुबह के समय ऑफिस जाने वालों की थोड़ी भीड़ सड़कों पर नजर आई। कई जगहों पर कुछ बुजुर्ग भी हॉस्पिटल के बाहर देखे गए। इनमें ज्यादातर वे लोग थे जो वैक्सीनेशन के लिए यहां आए थे।

 

सुबह के समय नागपुर की सड़कों पर नौकरीपेशा लोगों की थोड़ी भीड़ नजर आई है। एक-दो घंटे बाद सन्नाटा गहरा गया।

मॉर्निंग वॉक पर निकले लोग
लॉकडाउन के ऐलान के बावजूद मॉर्निंग वॉक करने वालों की भीड़ सुबह करीब 7-8 बजे तक हर इलाके में देखी गई। असल में, इतनी सुबह पुलिस अपने बंदोबस्त की तैयारी में लगी हुई थी। गश्त शुरू नहीं हुई थी जिसका फायदा उठाते हुए बड़ी संख्या में लोग वाक के लिए घरों से निकले। मानेवाड़ा सीमेंट रोड, मेडिकल कैम्पस, सिविल लाइन्स, तेलनखेड़ी, सेमिनरी हिल्स, बेसा आदि इलाकों में रोज की तरह ही लोगों को समूह बनाकर वॉकिंग करते देखा गया।

बाइक पर डबल सवारी करने वालों पर हुई कार्रवाई
इस बार के लॉकडाउन में नियम को कड़ा किया गया है। दोपहिया वाहनों में डबल सवारी करने वालों पर भी कार्रवाई हो रही है। लॉकडाउन के पहले दिन पर लोगों के रिस्पॉन्स को देखते हुए पालक मंत्री नितिन राउत ने नागरिकों का आभार व्यक्त किया है।

राउत ने कहा कि लॉकडाउन का अगर सख्ती से पालन होता है तो शहर के कई हॉटस्पॉट में कोरोना प्रकोप कम होने की संभावना है। इसलिए लोगों को घरों में रखकर नियमों का पालन करना चाहिए। उन्होंने अमरावती का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां लॉकडाउन से फायदा हुआ और केस में काफी कमी आई है।

 

लॉकडाउन में सब्जी फल और अन्य आवश्यक दुकानों को खुला रखने का ऐलान किया गया है।

इन्हें मिली है लॉकडाउन से छूट
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 128 केंद्रों पर बुजुर्गों के लिए टीकाकरण का काम चल रहा है। आवश्यक सेवा जैसे, बैंक, पोस्ट ऑफिस, मेडिकल स्टोर, सरकारी और निजी अस्पताल, आंखों के अस्पताल खुले रहेंगे। फल, सब्जियां, मांस, मछली, दूध, अंडे आदि बेचने वाली दुकानों को खुला रखा गया है।

 

नागपुर के भीड़भाड़ वाले बाजारों में सन्नाटा नजर आया।

बिना कारण के शहर आने वालों पर होगी कार्रवाई
जिला प्रशासन ने ग्रामीण इलाकों से शहर में आने वालों से अपील की है कि गंभीर मेडिकल कारण या बेहद जरूरी काम के बिना शहर में प्रवेश नहीं करें। अगर प्रवेश करना है तो जरूरी कागजात साथ में जरूर रखें क्योंकि पुलिस को कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। अपनी आईडी भी साथ रखें। सिटी में भी जो नागरिक घरों के बाहर निकल रहे हैं उन्हें आईडी साथ रखना होगा, साथ ही बाहर निकलने का ठोस कारण भी पुलिस को बताना होगा।

 

लॉकडाउन के दौरान सिर्फ पहचान पत्र के साथ वाजिव कारण बताने वालों को ही बाहर निकलने का आदेश दिया गया है।

नागपुर में 87% रिकवरी रेट
पिछले 24 घंटों के दौरान नागपुर में 8,666 लोगों की कोरोना टेस्टिंग हुई है, जिसमें से 2,297 लोग पॉजिटिव मिले हैं। इसी दौरान 12 मरीजों की मौत हुई है। नागपुर में संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 1,72,799 तक पहुंच गया है। इसमें से अब तक 1,50,822 लोग ठीक भी हो चुके हैं। फिलहाल नागपुर का रिकवरी रेट 87.28% पर पहुंच गया है। फरवरी में रिकवरी रेट 90% से अधिक था।

योग क्लास को मिले अनुमति
पिछले लॉकडाउन में, फिल्मों, नाटकों के साथ-साथ योग कक्षाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। योग शिक्षक व्यासमुनी प्रजापति ने मांग की है कि योग कक्षाओं को अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि योग से लोगों का इम्यून सिस्टम बढ़ता है और वे रोग से आसानी से लड़ सकते हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों को अनुमति मिलनी चाहिए
लॉकडाउन में सार्वजनिक, राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध है। कलाकार लकी अली ने कहा कि कलाकारों को इससे बाहर रखा जाना चाहिए। नागपुर में एक ड्रमर और एक गायक ने हाथ की नस काटकर आत्महत्या करने की कोशिश की। एक डांसर ने आत्महत्या कर ली। लॉकडाउन ने कलाकारों को भुखमरी के मुहाने पर ला खड़ा किया है।

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