नागपुर : किराए से कमरा लेकर दुकान शुरू करने के लिए कमरा ढूंढ रहे दो दोस्तों को एटीएम सेंटर के बगल का कमरा खाली नजर आया तो वह देखने चले गए। बगल के एटीएम में नजर पड़ी तो मशीन में नोट दिखे। दोस्तों ने नोटों को निकाला, लेकिन 500 रुपए का नोट नहीं निकला तो छोड़ दिया। यह बात एक दोस्त ने मां को बताया तो मां ने उसे थाने में ले जाकर जमा करने के लिए कहा। दोनों दोस्तों ने शांतिनगर थाने में एटीएम सेंटर की मशीन से मिली नकदी करीब 9500 रुपए जमा कर ईमानदारी की मिसाल पेश की। पुलिस निरीक्षक केबी उइके ने मनोज निषाद और उसके दोस्त आकाश वंंजारी के इस कार्य के लिए सराहना कर उनका स्वागत किया।
दुकान के लिए कमरा देखने निकले थे दोनों
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शांतिनगर निवासी मनोज निषाद और उसका दोस्त आकाश वंजारी दुकान खोलने के लिए कमरे की तलाश में थे। 8 दिसंबर को दोनों दोस्त कमरे की तलाश में शाम करीब 7.30 बजे शांतिनगर में रतन टावर के पास बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम सेंटर के करीब पहुंचे। यहां पर उन्हें एक कमरा खाली नजर आया। इस दौरान मनोज और आकाश का ध्यान एटीएम सेंटर के अंदर गया। एटीएम सेंटर में 500 रुपए के नोट मशीन में फंसे दिखे। दोनों दोस्तों ने अंदर जाकर नोटों को निकाला। करीब 9500 रुपए एटीएम मशीन से निकले। 500 रुपए का नोट नहीं निकल पाया। मनोज ने यह बात मां को बताई तो मां ने उससे कहा कि बेटा थाने में ले जाकर दे दो। मनोज और आकाश शांतिनगर थाने पहुंचे। दोनों दोस्तों ने थाने में उपनिरीक्षक अरुण बकाल से मुलाकात कर उन्हें रुपए सौंप दिए। यह बात बकाल ने पुलिस निरीक्षक उइके को बताई तो उन्होंने दोनों दोस्तों की ईमानदारी के लिए उनका अभिनंदन किया। पुलिस ने रकम को मालखाने में जमा कर दिया है।