नागपुर : भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के सेवानिवृत्त कर्मी ने नागपुर नागरिक निकाय के खिलाफ महाराष्ट्र मानवाधिकार राज्य आयोग (एमएसएचआरसी) का रुख करते हुए शिकायत की है। उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद निकाय ने आरएसएस से जुड़े संगठन के समक्ष उनकी पहचान उजागर की। अधिकारी ने 19 अगस्त को शिकायत में नागपुर नगर निगम (एनएमसी) के अधिकारियों और आरएसएस से संबद्ध लोक कल्याण समिति (एलकेएस) के खिलाफ निजता भंग करने के मामले में कार्रवाई की मांग की। आयोग के समक्ष उनका मामला वकील असीम सरोद ने रखा। शिकायत में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए व्यक्ति की जानकारी उजागर करने का विरोध किया गया। उन्होंने कहा कि यह मरीजों के अधिकार और निजता के अधिकार का उल्लंघन है।
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के सेवानिवृत्त अधिकारी 16 अगस्त को संक्रमित पाए गए थे। नागपुर नगर निगम ने उनसे पृथक-वास में रहने को कहा था। उन्होंने दावा किया कि 18 अगस्त को उन्हें सुमाधर गोखले नाम के शख्स का फोन आया। उसने कहा कि संघ से संबद्ध लोक कल्याण समिति कोविड- 19 के मरीजों को मदद मुहैया करा रही है। (एमएसएचआरसी) में दायर याचिका के अनुसार शिकायतकर्ता ने जब गोखले से पूछा कि उसे उनका नंबर कहां से मिला, तो, उसने बताया कि नगर निकाय उन्हें कोविड-19 के मरीजों की जानकारी उपलब्ध करा रहा है। गोखले से सम्पर्क करने पर उन्होंने मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उन्हें आयोग की ओर से अभी तक नोटिस नहीं मिला है। एनएमसी की ओर से भी मामले पर टिप्पणी नहीं की गई है।