अंतिम दिन सुदामा चरित्र के साथ हुआ भागवत कथा का समापन
नागपुर समाचार : नेहरू नगर नंदनवन में आयोजित श्रीमद् भगवत कथा का समापन गुरुवार को हुआ। कथा के अंतिम दिन कथावाचक पंडित श्री संतोष शास्त्रिजी महाराज ने सुदामा प्रसंग का वर्णन सुनाने हुए कहा- भगवान कृष्ण ने अपने पुराने सखा जो दीन हीन हाल में थे। उनके चरण पखार कर चावल का रसास्वादन किया। तीन मुट्ठी चावल के बदले तीन लोकों का राज्य देने का मन बना लिया था।
मित्रता में एक दूसरे का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें कोई छोटा बड़ा नहीं होता। सत्ता पाकर व्यक्ति को घमंड नहीं करना चाहिए। उसे श्रीकृष्ण जैसा विनम्रता व उदारता का आचरण अपनाना चाहिए। जो इंसान श्रीकृष्ण के जैसा आचरण अपना लेता है। वह संसार के मोह माया से पूरी तरह त्याग कर देता है।
भागवत कथा का आयोजन गुप्ता परिवार द्वारा किया गया। नेहरू नगर के सभी नागरिकों ने कथा का लाभ लिया।