- नागपुर समाचार

कोरोना वॉरियर डॉक्टरों ने लक्षण तथा इलाज की विस्तृत जानकारियां दी सिंधी सेवा संगम की परिचर्चा में डॉ महेश फुलवानी, डॉ परमानंद लहरवानी एवं डॉ संजय कृपलानी ने किया सहभाग

नागपुर। पूरे देश मे कोरोना की दूसरी लहर से कोहराम मचा हुआ है। नागपुर सहित पूरा महाराष्ट्र बुरी तरह कोरोना की चपेट में है। 1 माह से राज्य में लॉक डाउन लगा हुआ है। ऐसी खतरनाक परिस्थिति में पूरे विश्व के सिंधी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले संघठन विश्व सिंधी सेवा संगम ने वेब पर लाइव चर्चा हेतु नागपुर के प्रख्यात कोरोना वॉरियर डॉक्टर्स की एक परिचर्चा का आयोजन किया।

महाराष्ट्र अध्यक्ष प्रताप मोटवानी ने बताया कि फेसबुक यूट्यूब के माध्यम से कोरोना के बारे में विस्तृत जानकारी हेतु परिचर्चा में पूरे देश विदेश के दर्शकों ने भाग लिया और विशेषज्ञ चिकित्सकों से अपने प्रश्नों के उत्तर लिए। परिचर्चा में होस्टिंग की लायन डॉ राजू मनवानी और नागपुर की प्रख्यात एंकर डॉ रिचा सुंगन्ध ने की।

मोटवानी ने बताया कि उनके आमंत्रण पर शहर के प्रसिद्ध हृदय रोग तज्ञ डॉ महेश फुलवानी और शहर के प्रसिद्ध मधुमेह तज्ञ डॉ परमानंद लहरवानी और कोरोना पर गहन चिकित्सा करने वाले प्रसिद्घ डॉक्टर संजय कृपलानी ने सहभाग किया। डॉ राजू मनवानी ने डॉ फुलवानी से वर्तमान में कोरोना में ह्रदयघात होने से मृत्यु होने का कारण पूछा तो डॉ महेश फुलवानी ने बताया कि कोरोना होने के बाद कई मरीजो को ह्रदय की आर्टरीज़ में खून के थक्के जम जाने से अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

मरीज का ऑक्सीजन लेवल घटने से ह्रदय को भी इसका असर होता है। अगर मरीज मधुमेही, बी पी, हृदय की, कैलेस्ट्रोल का या अन्य बीमारी से ग्रस्त है तो ह्रदयघात का खतरा दुगना हो जाता है। अतः मरीज ने इन सभी बीमारियों को कंट्रोल में रखना जरूरी है। कोरोना से ठीक होने के बाद भी डॉक्टरों द्वारा दी जाने वाली हिदायते खानपान और दवाइयों को लेना बेहद जरूरी है।

प्रख्यात मधुमेह तज्ञ डॉ परमानंद लहरवानी ने बताया कि मरीज ने शुरुवाती लक्षण होते ही जांच तुरंत करवाना चाहिए और अगर कोरोना प्रथम चरण में हो तो घर पर भी रहकर इलाज डॉक्टर की सलाह पर शुरू कर देना चाहिए। हॉस्पिटल जाने की जल्दी नही करना चाहिए। मरीज ने रिपोर्ट पाजेटिव होते ही घर पर कोरोन टाईन होना चाहिए।

डॉ लहरवानी ने बताया कि वे प्रतिदिन कोरोना मरीजों का इलाज घर पर ही कर उन्हें ठीक कर रहे है। जब मरीज का ऑक्सीजन लेवल बेहद कम हो जाये, मरीज अगर तीसरी स्टेज पर हो तभी उसे हॉस्पिटल में एडमिट होने की जरूरत डॉक्टर की सलाह पर होती है।उन्होंने मधुमेही बीपी ह्रदय रोग मरीजो को सावधानी बरतने को कहा क्यो की उन्हें अन्यो की तुलना से कोरोना बीमारी ज्यादा होने की संभावना होती है।

प्रख्यात डॉ संजय कृपलानी जो कि शहर की प्रसिद्ध हॉस्पिटल में आईसीयू में गंभीर कोरोना मरीजो का इलाज करते है उन्होंने कहा कि अगर मरीज लक्षण दिखते ही जांच करते है और इलाज शुरू करते है उन्हें जल्दी फायदा होता है। जो मरीज जांच करने और इलाज शुरू करने पर विलंब करते है उन्हे ही गंभीर समस्या होती है। उन्होंने कहा कि अभी जो मरीजो में रेडिसीवर इंजेक्शन या अन्य बेहद महंगी इंजेक्शन लगवाने की जरूरत नही है।

आज कल मात्र 15 से 150 रुपये के इंजेक्शन भी उन्हीं महंगे इंजेक्शन समान फायदा करते है। उन्होंने कहा सभी ने वेक्सीन जरूर लगाना चाहिए। अगर कोरोना हो गया हो तो वेक्सीन छह से आठ हफ्ते बाद लगाए। उन्होंने प्लाजमा थेरैपी के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। कोरोना से बचने हेतु बेहद ही ज्ञानवर्धक जानकारी दी। मोटवानी ने बताया कि तीनों डॉक्टरों ने दर्शकों के प्रश्नों का उत्तर देकर उनका समाधान किया।

सभी डॉक्टरों का जीवन परिचय डॉ रिचा सुगंध और युवा महिला टीम अध्यक्ष रीत रूपानी ने दिया। श्रीमती लता अटवानी और चिली अमेरिका के मोहन सोनी ने तीनों डॉक्टरों का कोरोना पर सटीक जानकारी देने के लिए आभार माना।

महाराष्ट्र अध्यक्ष प्रताप मोटवानी ने डॉ फुलवानी, डॉ लहरवानी, डॉ कृपलानी का उनके द्वारा इस प्रोग्राम में आमंत्रण को स्वीकार कर कोरोना से जुड़ी समस्त जानकारी विस्तृत ढंग से देकर उससे बचाव इलाज और कोरोना के जो नए लक्षण और बदलावों की समस्त जानकारी हेतु दिल से आभार माना।

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