
COTPA कानून में संशोधनों को वापस लेने की मांग
नागपुर : फेडरेशन ऑफ रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफआरएआई) के बैनर तले सैकड़ों दूकानदारों ने मंगलवार को प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि सीओटीपीए कानून-2020 में प्रस्तावित संशोधनों को लागू किया जाता है तो देशभर में रोजी-रोटी कमा रहे लाखों लोग रास्ते पर आ जाएंगे. इसलिए इस कानून में कोई संशोधन नहीं होना चाहिए. नये संशोधनों से पूरे भारत में तंबाकू एवं अन्य संबंधित उत्पाद बेचने वाले छोटे खुदरा दूकानदारों की आजीविका पर दोहरा आघात लगेगा. एफआरएआई देशभर के 4 करोड़ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम दूकानदारों का प्रतिनिधि संगठन है.
एफआरएआई की नागपुर इकाई ने विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से नागपुर में रोजमर्रा की चीजें बेचकर अपने परिवार चलाने वाले करीब 1.35 लाख छोटे खुदरा दूकानदारों एवं 6 लाख आश्रितों के हितों को ध्यान में रखकर कदम उठाने की मांग की. सीओटीपीए विधेयक 2020 में प्रस्तावित अलोकतांत्रिक संशोधन से खुदरा दूकानदार परेशान हैं. इसमें खुली सिगरेट बेचने पर रोक लगाने की बात है. 21 वर्ष से कम उम्र के लोगों को सिगरेट उत्पाद बेचने पर रोक और दूकान में विज्ञापन व प्रमोशन को नियंत्रित करने समेत कई प्रावधान भी हैं. इन सभी संशोधनों का उद्देश्य बड़े रिटेलर्स को लाभ पहुंचाना और छोटे को नष्ट कर देना है.
इस मसले पर फेडरेशन ऑफ रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और नागपुर पान विक्रेता संघ के प्रेसिडेंट सूरज मेश्राम ने कहा कि हम नम्रता के साथ प्रधानमंत्री से अपील करते हैं संबंधित मंत्रालय को तत्काल निर्देश दें और प्रस्तावित सीओटीपीए संशोधन वापस लिया जाए. छोटे-छोटे उल्लंघन के लिए 7 साल की कैद जैसे प्रावधान किए गए हैं.