नागपुर समाचार : प्रतिबंधित जानलेवा नायलॉन मांजे की अंधाधुंध बिक्री का गंभीर संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका दायर की है। कोर्ट ने जिलाधिकारी को एक विज्ञापन प्रकाशित करने का आदेश दिया है जिसमें यह बताया जाए कि आम आदमी द्वारा नायलॉन मांजा के इस्तेमाल पर ५०,००० रुपये का जुर्माना और विक्रेताओं द्वारा बिक्री किए जाने पर २.५ लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान क्यों नहीं होना चाहिए। इस संबंध में पुलिस आयुक्त ने भी कमर कस ली है। कोर्ट के आदेश पर अमल शुरू हो गया।
सीपी ने सभी अधिकारियों को नायलॉन मांजा की बिक्री और उपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिया है। जिस पुलिस अधिकारी के कार्यक्षेत्र में नायलॉन मांजा से कोई दुर्घटना घटेगी तो उस संबंधित अधिकारी पर भी एक्शन लिया जाएंगी।
इसी के साथ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की धारा १५ और आईपीसी की धारा २२३ के तहत सख्त कार्रवाई की जाएग। इसी के साथ उक्त धारा के तहत ५ वर्ष की जेल और जुर्माना भी लग सकता है। इस पर जनहित के लिए शांतता कमेटी, मोहल्ला कमेटी और सोशल मीडिया का सहयोग भी लिया जाएगा।




