नागपुर : केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने कहा कि, ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की गरीबी दूर करना जरूरी है। अखाद्य तेल बीजों से बायो-डीजल तैयार होता है। तीन किलो बीजों से एक लीटर डीजल तैयार किया जा सकता है। इससे ढेप भी निकलती है। इस पर संशोधन की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को इससे बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा। ग्रीन क्रूड बायोफ्यूल फाउंडेशन की ओर से करंज के पौधे का वितरण कार्यक्रम वर्धा मार्ग पर केंद्रीय मंत्री गडकरी के निवास पर हुआ। फाउंडेशन संशोधक डॉ. हेमंत जांभेकर, सचिव अजित पारसे, उपाध्यक्ष राजेश मुरकुटे, गड़चिरोली के प्रकल्प समन्वयक विनय सालवे, युवा शाखा समन्वयक हर्षवर्धन फुके उपस्थित थे। गडकरी ने गड़चिरोली से आए किसानों को पौधे वितरित किए। इस अवसर पर वे बोल रहे थे।
अखाद्य तेल बीजों से डीजल संभव : उन्होंने कहा कि, ग्रामीण क्षेत्र के किसानों की गरीबी दूर करने का प्रयास शुरू है। गांव में अखाद्य तेल बीजों से डीजल के लिए बायो-डीजल का प्लांट लगाने पर वह संभव है। जनवरी से फरवरी में तापमान 15 डिग्री से नीचे रहता है। तब इन बीजों से निकलने वाला ईंधन जमा होता है। यह दो महीने छोड़ दिए जाएं, तो कोई परेशानी नहीं। पेट्रोल पंप पर डीजल से अधिक यह डीजल सस्ता है। किसानों द्वारा तैयार किया ईंधन है। प्रत्येक विद्यार्थी ने पांच पेड़ लगाए तो एक को तीस किलो बीज मिलेंगे। इस तरह डेढ़ सौ किलो बीज होंगे। इससे ईंधन तैयार होगा। शहर में यह पेड़ लगाने पर वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड कम होगा।
रिफाइनरी लगाने का सपना है : यह तकनीक गरीब व्यक्ति तक ले जाना आवश्यक है। उन्हें इससे रोजगार मिलेगा। गड़चिरोली जिले में रिफाइनरी लगाने का सपना है। बांबू से विमान का ईंधन तैयार किया जा सकता है। 20 हजार करोड़ ईंधन आयात पर खर्च आता है। उसे दो लाख करोड़ पर लाने की योजना है। बचत के एक लाख करोड़ किसानों की जेब में जाएंगे। प्रास्ताविक डॉ. हेमंत जांभेकर और आभार प्रदर्शन अजित पारसे ने किया।
पेड़ों को ई-टैग : केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि, पेड़ों को ई-टैग किया जा सकता है। अजित पारसे को सॉफ्टवेयर व संबंधित तकनीक में महारत है। उनका मार्गदर्शन किसान लें। पारसे ने भी इस दौरान मदद की तैयारी दर्शाई।