अयोध्या : राम जन्मभूमि मंदिर टेस्ट पाइलिंग का कार्य शुरू हो गया है। इसके तहत राम जन्मभूमि मंदिर के लिए एक पिलर का निर्माण होगा। राम मंदिर के एक पिलर का निर्माण 24 घंटे में हो जाएगा। एक पिलर का निर्माण कर उसकी गुणवत्ता और भार क्षमता का परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण में एक माह का समय लगेगा। परीक्षण के बाद 1199 अन्य पिलर्स का काम 15 अक्टूबर के बाद शुरू होगा। बुनियाद की खुदाई का काम शुरू होने से पहले मशीनों की पूजा की गई।
राम मंदिर निर्माण के लिए बेस का मजबूत होना जरूरी है। 12 सौ खंभों पर राम मंदिर का निर्माण होगा। रिंग मशीन के माध्यम से आज पहली खुदाई की गई है। आपको बता दें कि नींव की 1200 पायलिंग में पहले एक पाइल (कुएं के आकार का पिलर) फाउंडेशन बनाकर 15 अक्तूबर तक टेस्टिंग का लक्ष्य है। दरअसल मंगलवार को राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त आईएएस नृपेंद्र मिश्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय व एलएंडटी के परियोजना प्रबंधक वृजेश कुमार सिंह की टीम के साथ बैठक की थी।
उन्होंने बताया था कि 60 मीटर (200 फीट) गहराई तक राममंदिर का पायलिंग फाउंडेशन होगा। 1200 पाइलिंग सीमेंट, मोरंग और गिट्टी से तैयार होगी। यह समुद्र या नदी में पुल के फाउंडेशन जैसा होगा, लेकिन इसमें स्टील का प्रयोग नहीं होगा। कुएं के निर्माण जैसा गोलाकार सीमेंट, मोरंग और गिट्टी से भी पाइल तैयार की जाएगी। सरकार के जिम्मे होगी राममंदिर परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का स्पष्ट कहना है कि राममंदिर परिसर की सुरक्षा सरकार के जिम्मे होगी। यह विश्वस्तरीय केंद्र बनने जा रहा है इसलिए इसकी सुरक्षा भी विश्वस्तरीय होनी चाहिए।
चूंकि यह विश्वस्तरीय प्रोजेक्ट है, इसलिए इसकी संवेदनशीलता का देखते हुए किसी प्राइवेट सुरक्षा एजेंसी को जिम्मेदारी नहीं सौंपी जा सकती है। राममंदिर की सुरक्षा सरकार अपने स्तर से देखेगी, ट्रस्ट का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।