नागपुर : बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में श्री साईंबाबा सेवा मंडल की उस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें ट्रस्ट ने मंदिर परिसर से दुकानदारों के अतिक्रमण को हटाने के आदेश जारी करने प्रार्थना की थी। इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने माना कि परिसर का सारा अतिक्रमण टूटना चाहिए। कोर्ट ने मनपा को तीन दिन में शेष अतिक्रमण तोड़ने के आदेश दिए हैं। दुकानदारों को आदेश दिए गए हैं कि वे अतिक्रमण की कार्रवाई में कोई व्यवधान न डालें, वहीं ट्रस्ट को भी स्पष्ट निर्देश है कि वे इस खुले भू-खंड का उपयोग सिर्फ पार्किंग के लिए करें।
दुकानदारों की दलील खारिज
दुकानदारों के वकील अमोल मार्डिकर ने विविध तथ्यों और दलीलों के आधार पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने यह भी दलील दी कि मुंबई में बीएमसी द्वारा अभिनेत्री कंगना रनौत के दफ्तर पर आनन-फानन में कार्रवाई की, तो बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी की कार्यप्रणाली पर आपत्ति ली। साईं मंदिर परिसर के अतिक्रमण पर नागपुर महानगरपालिका की कार्यप्रणाली भी आपत्तिजनक है। दुकानदारों को राहत देने के लिए उनका समायोजन होना चाहिए। खंडपीठ ने इस दलील को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि कंगना के प्रकरण को इस मामले में आधार नहीं माना जा सकता। साईं मंदिर परिसर का अतिक्रमण टूटना चाहिए।
सर्वोच्च न्यायालय से भी नहीं मिली थी राहत
इस प्रकरण में दुकानदारों को सर्वोच्च न्यायालय से भी राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता ट्रस्ट के अनुसार पीके बनर्जी व शिवानी बनर्जी की 10 हजार 894 वर्ग फीट जमीन 35 हजार रुपए में, लक्ष्मण भोयर व अन्य की 4500 वर्ग फीट जमीन 93 हजार 500 में खरीदी थी। इसके कुछ हिस्से पर 9 लोगों ने अतिक्रमण कर दुकानें बनाई हैं। 19 मार्च 1999 को अवैध निर्माण गिराने का नोटिस मिलने पर दुकानदारों ने दीवानी न्यायालय में याचिका दायर की थी। मंडल के अनुसार, उस समय ये लोग कोर्ट में अपना दावा सिद्ध नहीं कर सके थे। कुछ ही दिन पूर्व मनपा ने अतिक्रमण के एक हिस्से को गिराया था। अब हाईकोर्ट ने शेष अतिक्रमण भी गिराने के आदेश दिए हैं। ट्रस्ट की ओर से एड.तुषार मंडलेकर व मनपा की ओर से एड.जेमिनी कासट ने पक्ष रखा।