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नागपुर समाचार : भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा की ओर से मुख्यमंत्री को निवेदन भेजा गया

नागपुर समाचार : भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा महाराष्ट्र के प्रदेश सचिव अड़. अशफाक शेख द्वारा जिल्हाधिकारी नागपुर के माध्यम से महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक निवेदन सौपा गया ! इस निवेदन में एड. अशफ़ाक़ शेख ने मुख्यमंत्री को बताया कि तत्कालीन देवेन्द्र फडणवीस सरकार द्वारा दिनांक: 08 मार्च 2019 को महाराष्ट्र राज्य हज समिति का गठन कर श्री जमाल सिद्दीकी को महाराष्ट्र राज्य हज समिति का चेयरमैन निकुक्त किया गया था, साथ ही इस समिति पर अन्य दस सदस्य नियुक्त किये गए थे । परंतु 10 जून 2020 को सिर्फ सवा साल में यह समिति बर्खास्त कर दी गयी।

जमाल सिद्दीकी के चेयरमेन रहते हुवे सन 2019 में 15000 हाजियों को हज पर भेजने का काम सफलतापूर्वक किया गया और हज 2020 की तैयारी अक्तूबर 2019 से शुरू की गई। इस काम मे हज समिति के सभी सदस्यों ने अपनी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई है। 60 – 60 हज सेवको का चयन भी हज कमेटी आफ इंडिया और महाराष्ट्र राज्य हज कमेटी के लिए पारदर्शिता के साथ सफलतापूर्वक किया गया। लेकिन जबसे जमाल सिद्दीकी की टीम ने महराष्ट्र राज्य हज समिति का काम संभाला और काम संभालने के साथ साथ कमेटी के मुम्बई स्थित एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेन्ट के कर्मचारियों और उच्च अधिकरियो द्वारा किये गए गलत काम व भ्रस्टाचार पर रोक लगाने के लिए उठाये गए कदम के चलते समिति के कर्मचारि व अधीकारी अस्वस्थ रहने लगे और समिति के अध्यक्ष व अन्य सदस्यों के लिए दुश्मनी की भावना ने उनके मन मे जन्म ले लिया।

महाराष्ट्र राज्य हज समिति द्वारा नागपुर और औरंगाबाद हज हाउस बनाया गया। नागपुर हज हाउस में 3 कर्मचारियों की मंजूरी 2015 से है लेकिन यहां एक भी कर्मचारी की नियुक्ति नही की गई। ऐसी स्थिति में हज हाउस नागपुर की देखरेख के लिए ये काम एक निजी संस्था को दिया गया। परंतु उन बीते दिनों महाराष्ट्र राज्य हज कमेटी का हज हाउस नागपुर पर ध्यान नही होने से केयर टेकर एजेंसी द्वारा बड़े पैमाने पर पैसे की लूट की गई। इतनाही नहीं उस केयर टेकर एजेंसी के एक सदस्य द्वारा उन दिनों उसी हज हाउस की बिल्डिंग में एक मजबूर लड़की के साथ बलात्कार करने की घटना भी सामने आयी और उस बलात्कारी आरोपी के खिलाफ धारा 376 के तहत मामला भी दर्ज किया गया। बात यहाँ तक ही नही रुकी इस केयर टेकर एजेंसी का पंजीयन 2015 में समाप्त हो जाने के बावजूद इसको जून 2019 तक पैसे दिए गए। इस सब काम मे कार्यकारी अधीकारी महाराष्ट्र राज्य हज कमेटी के श्री इम्तियाज़ काज़ी भी लिप्त थे ऐसा आरोप किया गया है।

इसलिए वर्तमान कमेटी के सदस्यों और अध्यक्ष द्वारा शिकायत किये जाने के बावजूद भी उनके तरफ से कोई प्रतिक्रिया या कार्यवाही नही हुई है। उसी प्रकार हज 2019 में बड़े पैमाने पर बाहर के राज्यो के जैसे उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान के हाजियों को नियम तोड़कर महराष्ट्र से हज पर भेजने के लिए आर्थिक लेनदेन किया गया। जिसके कारण महाराष्ट्र में रहने वाले वेटिंग लिस्ट वाले भाई हज पर जाने से वंचित रहे गये। हज 2019 में समिति के कर्मचारी शकील द्वारा कई दलालो के साथ मिलकर वेटिंग लिस्ट तोड़कर लोगो को हज पर भेजने का काम करते हुवे फोन पे बातचित पकड़ी गई थी। लेकिन इस घोटाले में भी कार्यकारी अधीकारी शामिल होने से कर्मचारियो पर कोई कार्यवाही नही हुई और मामले को दबा दिया गया।

जब ये समिती जमाल सिद्दकी की अध्यक्षता में बनाई गई तबसे कार्यकारी अधिकारी और कर्मचारियों के आर्थिक घोटाले बाहर लाने का काम किया गया। वर्तमान समिति ने प्रशिक्षण पर खर्च होनेवाले घोटाले, हज पर होने वाले घोटाले, वाहन किराये पर लेने वाले घोटाले सहित कई दर्ज़नो घोटाले प्रधान सचिव के समक्ष लाये परंतु कोई कार्यवाही नही की गई, और उलट हज समिति के सदस्यों को बिना कारण बताओ नोटिस दिए वर्तमान कार्यकारिणी को बर्खास्त कर दिया गया, इस कार्यवाही को कानून के विरुद्ध बताया है। जिससे अतः मुख्यमंत्री से इस गंभीर विषय का संज्ञान लेकर गैर कानूनी तरीके से बर्खास्त की गई हज समिति फिरसे बहाल करने का व दोषियों को सजा देने का निवेदन किया गया है। निवेदन प्रदेश उपाध्यक्ष जुनेद खान, हाजी रहीम भाई, मुश्ताक शेख व अन्य साथीयो के उपस्थित में दिया गया।

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