
अनलॉक परिपत्र में कोचिंग क्लासेस का उल्लेख नहीं
नागपुर : राज्य में कोचिंग क्लासों को अभी तक ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने की अनुमति नहीं है, जबकि 4 जनवरी 2021 से महाराष्ट्र सरकार ने कक्षा 9वीं से 12वीं तक के स्कूलों का शुरू करने की अनुमति दे दी है। लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों में कोचिंग क्लासेस बंद रखने के निर्देश थे, लेकिन अनलॉक परिपत्र के बाद भी कोचिंग क्लास का उल्लेख नहीं किया गया है। यह सरकार की अन्यायपूर्ण भूमिका है। यह बात एसोसिएशन ऑफ
कोचिंग इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष रजनीकांत बोन्द्रे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही।
नहीं हो रही सुनवाई : बोन्द्रे ने कहा कि कोचिंग कक्षाएं पिछले 9 महीनों से वित्तीय बोझ का सामना कर रही हैं और कर्मचारियों का वेतन, किराया, बिजली बिल आदि का भुगतान करना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के अपने कर्तव्यों को निभाया है। अब जब विभिन्न पाठ्यक्रमो के लिए परीक्षा की तारीखों की घोषणा की गई है, तो ऑफलाइन कोचिंग कक्षाएं खोलना भी आवश्यक है। अन्य राज्यों ने इसकी आवश्यकता समझकर कोचिंग कक्षाएं शुरू करने की अनुमति दी है, लेकिन महाराष्ट्र में कोई भी इस विषय में अनुरोध सुनने को तैयार नहीं है।
देशस्तर पर पड़ेगा प्रभाव : इसका परिणाम राज्य के छात्रों के लिए अखिल भारतीय स्तर पर अन्य राज्यों के छात्रों सी प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल होगा। कोचिंग क्लासेस जेईई, नीट, सीए फाउंडेशन, सीएस एक्जीक्यूटिव और एलएलबी जैसी प्रवेश परीक्षाओं के प्रशिक्षण को पूरक बनाने के लिए विकसित शिक्षा प्रणाली है। इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा की आवश्यकता होती है। छात्रों को स्कूल जाने की अनुमति दी जाती है, लेकिन कोचिंग क्लास में जाने पर रोक लगाई जाती है, यह तर्क समझ से परे है। पत्रकार वार्ता में संस्था के सचिव पाणिनी तेलंग, ट्रेजरर समीर फाले, ज्वाइंट सेक्रेटरी विरात मिठकरी और सदस्य जगदीश अग्रवाल उपस्थित थे।