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नागपुर समाचार : विधानसभा में मुख्यमंत्री फड़णवीस का बयान, स्मार्ट मीटर अपनाने पर बिजली बिल में 10 फीसदी छूट

प्रीपेड मीटर पर आम उपभोक्ताओं को राहत, चरणबद्ध तरीके से लागू होगी योजना

नागपुर समाचार : राज्य में स्मार्ट मीटर लगाए जाने को लेकर फैली आशंकाओं के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने विधानसभा में स्पष्ट किया कि सामान्य घरेलू उपभोक्ताओं पर प्रीपेड मीटर की कोई सख्ती नहीं की जाएगी। केंद्र सरकार की योजना के तहत स्मार्ट मीटर लगाने का निर्णय लिया गया है, लेकिन व्यापक विरोध को देखते हुए राज्य सरकार ने इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने का फैसला किया है।

प्रश्नकाल के दौरान भास्कर जाधव और रईस शेख द्वारा पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि शुरुआत में सभी उपभोक्ताओं के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का प्रस्ताव था, लेकिन जनता की प्रतिक्रिया को देखते हुए सरकार ने अपना रुख बदला है। वर्तमान में पहले चरण में फीडर मीटर और डिस्ट्रीब्यूशन मीटर लगाए गए हैं, जबकि प्रीपेड स्मार्ट मीटर केवल शासकीय कार्यालयों और प्रतिष्ठानों में ही स्थापित किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अगले पांच वर्षों तक आम उपभोक्ताओं के लिए पोस्टपेड स्मार्ट मीटर ही लगाए जाएंगे। इस अवधि में प्रीपेड मीटर को लेकर किसी प्रकार की बाध्यता या सख्ती नहीं होगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों और सुझावों पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि स्मार्ट मीटर स्वीकार करने वाले उपभोक्ताओं को बिजली बिल में 10 फीसदी की छूट दी जा रही है, जिससे उन्हें सीधा लाभ मिल रहा है। स्मार्ट मीटर के माध्यम से उपभोक्ता मोबाइल एप पर हर घंटे बिजली खपत की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे बिजली उपयोग को नियंत्रित करना आसान होगा।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 24 घंटे शिकायत निवारण की व्यवस्था भी शुरू की है। अब तक राज्य में पांच अलग-अलग कंपनियों द्वारा स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं और इनमें से एक फीसदी से भी कम मीटरों में तकनीकी त्रुटियां पाई गई हैं। सरकार का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सुविधा और पारदर्शिता प्रदान करना है।