नागपुर समाचार : रविवार, 10 अगस्त 2025 को सीताबर्डी मेट्रो स्टेशन के समीप स्थित ‘चीअमृत भवन’ में आयोजित “जिंदगी का सफर” वाद्यवृंद एवं सुमधुर गीतों की संगीतमय शाम ने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। बॉलीवुड सिंगर अल्का लाडे की प्रस्तुति, संयोजक अनिल के. बालपांडे, संकल्पना राजपाल खोब्रागड़े एवं समन्वयक प्रमोद अंधारे के अथक प्रयासों से यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्वा फाउंडेशन के संस्थापक एवं अध्यक्ष अशोक बंब ने सभी गायक कलाकारों को सम्मानचिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया। विशेष अतिथि के रूप में रामभाऊ डोंगरे, प्रवीण देवगडे, उमेश धारगवे, भूषण दुपारे, वीरेंद्र मेश्राम, आशिष इलमे, पुरुषोत्तम तहेलियानी और विजय लाडे उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के स्वागत में माधुरी हुमणे, सविता रेलकर और रेखा वालदे का विशेष योगदान रहा। मंच पर कांचन बेलखोडे, हेमलता सलामे, रजनी शर्मा, निशा गोडघाटे, उज्वला बोरकर, पुष्पा मोंडेकर, शोभना पिल्लेवान, उज्वला कांबळे, मनीषा परमार, सिद्धार्थ दहिवले, विजय कडवे, अनुप कांबळे, डॉ. सुशील गडेकर, रघुनाथ ठाकरे, डॉ. सुनील रंगारी, प्रशांत लोखंडे, जितेंद्र मेश्राम, प्रशांत बोरकर सहित कई कलाकारों ने एक से बढ़कर एक गीत प्रस्तुत किए।
अल्का लाडे और विजय कडवे द्वारा “मुझे पीने का शौक नहीं, मैं पीता हूँ ग़म भुलाने को”, उज्वला बोरकर द्वारा “स्वप्न झरे फूल से, मीत चुभे शूल से” तथा अनिल बालपांडे द्वारा “दीवानों से ये मत पूछो, दीवानों पे क्या गुजरी है” गीतों की प्रस्तुति ने श्रोताओं से खूब सराहना पाई।
प्रमोद अग्रवाल के साउंड इफेक्ट और उत्कृष्ट फिल्मांकन ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। सुहाना म्यूजिकल ग्रुप के वाद्यवृंद कलाकारों ने पूरे कार्यक्रम को सुर और ताल से सजाया। मंच संचालन एम. ए. रज्जाक ने किया।