नागपुर समाचार : पंप संचालकों को साइबर अपराधियों की सजा भुगतनी पड़ रही है. इसके विरोध में पंप संचालकों के विदर्भपेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (वीपीडीए) ने डिजिटल भुगतान के जरिये पेट्रोल और डीजल की बिक्री बंद करने का फैसला किया है. 10 मई से पेट्रोल और डीजल केवल नगद में ही बेचा जाएगा, पंप संचालकों द्वारा अपनी मांगों को लेकर तथा केंद्र व राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए किया गया अनूठा विरोध प्रदर्शन है।
इस संबंध में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैमिट के अध्यक्ष डॉ. दीपेन अग्रवाल ने बताया कि बैंकों से प्राप्त ई-मेल में संबंधित पंप संचालकों को बताया गया है कि उनके बैंक खाते सील कर दिए गए हैं. यह घटना नागपुर में पांच से अधिक पंप ऑपरेटरों के साथ घटी, जी बैंक खाते खोलने के लिए बैंकों का दरवाजा खटखटा रहे हैं. उन पर साइबर अपराधी द्वारा चुराए गए पैसों से अपने पंप पर पेट्रोल और डीजल खरीदने का आरोप है. नागपुर जिले में पंप संचालकों सहित खुदरा व्यापार में लगे 500 से अधिक व्यापारियों के खाते सील कर दिए गए हैं।
बीपीडीए के उपाध्यक्ष मुस्तफा हसनजी ने बताया कि देश में चोरी कोई और कर रहा है और उसके अपराध की सजा हमें भुगतनी पड़ रही है. साइबर अपराधी देश में किसी के बैंक खाते से अपने खाते में धनराशि स्थानांतरित करके धोखाधड़ी करते हैं. यह राशि फिर कई लोगों के खातों में स्थानांतरित कर दी जाती है. यह एक बड़ी श्रृंखला है. शायद आखिरी खाताधारक ने इस राशि से हमारे पंप पर पेट्रोल और डीजल खरीदा था, यही वजह है कि एचडीएफसी बैंक ने 26 अप्रैल को हमारे पंप का खाता सील कर दिया।
इसलिए, बैंकों के साथ हमारा लेन-देन ठप हो गया है. इसके लिए बैंक ने हमसे विभिन्न दस्तावेज मांगे. हमने भुगतान कर दिया, लेकिन फिर भी बैंक ने स्वाता नहीं खोला. सवाल यह है कि इसमें हमारी गलती क्या है? नागपुर के वाडी, कामठी रोड, पाचगांव और अन्य स्थानों के पंप संचालकों के बैंक खाते सील कर दिए गए, एसोसिएशन ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर इस मामले की ओर ध्यान देने अपील की है।
इस दौरान वीपीडीए के अध्यक्ष गौरव जयसवाल, सवाल, पूर्व अध्यक्ष अमित गुप्ता, सचिव जीतेंद्र अग्रवाल, उपाध्यक्ष सुरजीत भसीन, अभिजीत भगत, हरजीत बग्गा, अनिरुद्ध देशमुख, चंदू तिड़के, शेखर जोशी, रवि जवादे, कुणाल निश्चल, साहिल गिरडकर, नरेंद्र सालपेकर मौजूद थे।