नागपुर : शहर में कोविड रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है. इनमें से अधिकांश में लक्षण नहीं होते. हालांकि, इन रोगियों के संपर्क में आने वाले सभी ‘हाई रिस्क’ वालों की जांच की जानी चाहिए. इसलिए, जो लोग कोरोना पॉजिटिव मरीज और कोरोना की वजह से मरे व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, उन्हें खोज निकालने के कार्य को प्राधान्य देना चाहिए. मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे ने इस संदर्भ में निर्देश दिए हैं कि सभी जोनल चिकित्सा अधिकारी और उनकी टीमों को इस ओर ध्यान देना चाहिए. मनपा आयुक्त ने मंगलवार को सभी जोनल चिकित्सा अधिकारियों की समीक्षा बैठक की.
मनपा मुख्यालय में आयोजित बैठक में अतिरिक्त आयुक्त जलज शर्मा, अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी, उपायुक्त निर्भय जैन, प्रभारी उपायुक्त अमोल चैरपगर, चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. योगेंद्र सवाई, अतिरिक्त चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण गंटावर, अतिरिक्त सहायक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विजय जोशी समेत सभी जोनल चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थे. इस दौरान मनपा आयुक्त ने कहा कि कोविड के संक्रमण को रोकने के लिए, कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आए व्यक्तियों को खोजना और उनका परीक्षण करना आवश्यक है. संबंधित व्यक्ति के संपर्क में आए कम से कम 20 व्यक्तियों का ‘कॉन्टैक्ट ट्रैसिंग’ के जरिए परीक्षण् किया जाना चाहिए.
यदि परीक्षण के दौरान संबंधित व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसकी जानकारी लें. यदि लक्षण न सामने आए, तो उनका उपचार होम आईसोलेशन में या कोविड केयर सेंटर में किया जाना चाहिए. आयुक्त ने कहा कि 7 जुलाई, 2020 को जारी किए गए केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, ऐसे रोगियों को होम आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए. यदि किसी ठोस कारण के अलावा किसी मरीज का निजी अस्पताल में इलाज होता है, तो ऐसे अस्पताल के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.