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नागपुर समाचार : संविधान चौक में ठीया आंदोलन कर खरीदी केंद्र शुरू करने प्रदर्शन, सरकार का ध्यान खींचा

नागपुर समाचार : राज्य में कपास खरीदी केंद्र शुरू करने की मांग को लेकर राकांपा नेता व जिला परिषद सदस्य सलिल देशमुख के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। शनिवार को संविधान चौक पर ठीया आंदोलन के माध्यम से सरकार का ध्यान खींचा गया। डीसीएम ने जल्द शुरू करने का आश्वासन दिया था। देशमुख ने कहा- राज्य में कपास खरीदी केंद्र शुरू नहीं होने से किसानों को समर्थन मूल्य से कम कीमत पर कपास बेचना पड़ रहा है।

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया था कि, जल्द ही खरीदी केंद्र शुरू किए जाएंगे। महाविकास आघाड़ी सरकार के समय कपास खरीदी बिक्री की समस्या नहीं भी। मार्च-अप्रैल तक सरकार के केंद्र पर कपास खरीदा गया। उस दौरान कपास को 14 हजार रुपए प्रति क्विंटल भाव मिला था, लेकिन अब 6,800 रुपए प्रतिक्विंटल भाव ही मिल पा रहा है। कपास का उत्पादन खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। कपास उत्पादक संकट में हैं। आयात-निर्यात नीति ठीक नहीं है। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के दबाव में कपास आयात किया जा रहा है।

स्वतंत्र मजदूर यूनियन के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन मजदूरों ने खुद की लड़ाई खुद लड़नी चाहिए। इसके लिए वे शिक्षित हों और अपने बच्चों को भी अंग्रेजी भाषा का ज्ञान देकर शिक्षित करें। न्याय मांगने के लिए मजदूरों ने यूनियन के माध्मय से एकजुट होकर संघर्ष करना चाहिए। यह विचार हैदराबाद के सामाजिक विचारक व लेखक प्रा. कांचा इलैय्या ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि, भारत के मजदूरों में सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्रांति सहित मजदूरों को मुख्य प्रवाह में शामिल करने की जरूरत है। स्वतंत्र मजदूर यूनियन का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन शनिवार से रेशमबाग स्थित सुरेश भट सभागृह में शुरू हुआ।

अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में वे बोल रहे थे। मंच पर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.एस. पाटील, उपाध्यक्ष डॉ. के.पी. स्वामीनाथन, दिल्ली विद्यापीठ के एसोसिएट प्रा. डॉ. सूरज मंडल, नई दिल्ली के डी.सी. कपिल, यूनियन के पदाधिकारी ए.बी. किरण, एफ.सी. जस्सी, डॉ. दिनेश निबरिया, रमेश मेढी, महेंद्र चंदङ्रा, एस.के. सचदेव, सुभाषिणी, सागर तायडे उपस्थित थे। 

बच्चों को शिक्षित करने की जरूरत

 प्रा. कांचा इलैय्या ने कहा कि, संगठित और असंगठित मजदूरों के कारण देश की अर्थव्यवस्था को सहारा मिला है। यह दुर्भाग्य है कि, इन मजदूरों का आदर-सम्मान नहीं होता। डॉ. बाबासाहब आंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले, पेरियार के विचारों से प्रेरित होकर मजदूरों को अपने बच्चों को शिक्षित करने की जरूरत है। इस लढ़ाई के माध्यम से उनका स्थान मजबूत होगा। डॉ. सूरज मंडल ने कहा कि, निजीकरण के कारण कामगारों का शोषण और बेरोजगारों की संख्या बढ़ी है। सामाजिक सुरक्षा नहीं है। आरक्षण खत्म करने का प्रयास शुरू है।

देश को गरीब बनाया जा रहा है 

देश को गरीब बनाया जा रहा है। डॉ. आंबेडकर ने देश को ताकत दी है। सत्ताधारियों द्वारा उसे खत्म करने का प्रयास शुरू है। संविधान बदलकर मनुस्मृति फिर से लादने का प्रयास किया जा रहा है। स्वतंत्र मजदूर यूनियन सत्ताधारियों का षड़यंत्र कभी सफल नहीं देगा। प्रस्तावना नरेंद्र जारोंडे ने की। राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.एस. पाटील ने आभार माना। इस अवसर पर स्वतंत्र मजदूर यूनियन से संबंधित विविध संगठन के अध्यक्ष, सचिव और पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

 

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