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नागपुर समाचार : वाह…3 महीने का स्लैब बेनिफिट और बिल पौने 4 माह का

नागपूर समाचार : विद्युत उपभोक्ताओं को हर महीने स्लैब बेनिफिट देने का दावा करनेवाली महावितरण ने उपभोक्ताओं की जेब काटने की तैयारी कर ली है। महावितरण की तरफ से उपभोक्ताओं को लगभग 4 महीने का बिजली बिल भेजा जा रहा है, जबकि इस पर स्लैब बेनिफिट 3 महीने तक का ही मिलेगा। 23 दिन का लाभ नहीं मिलेगा। मीटर रीडिंग लेने में महावितरण ने देरी की और इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। दूसरी तरफ हजारों मीटरों के लिए गए फोटो में रीडिंग स्पष्ट दिखाई नहीं देने का मामला सामने आया है।

विलंब से ली रीडिंग : शहर में (एमआईडीसी समेत) कुल 8 लाख 90 हजार 214 विद्युत उपभोक्ता हैं। शहर भर में मीटर रीडिंग का काम 2 से 22 तारीख तक हाेता है। हर इलाके की तारीख तय होती है। लॉकडाउन के कारण तीन महीने तक रीडिंग नहीं ली गई। महावितरण ने जून में रीडिंग शुरू की। जिन इलाकों में 2 से 5 तारीख तक रीडिंग लेनी थी, वहां 25 तारीख के बाद रीडिंग शुरू हुई। दक्षिण नागपुर के अधिकांश इलाकों में 27 जून को भी रीडिंग जारी रही। यानी इन उपभोक्ताआें को 27 जून तक 3 महीने 23 दिन के बिल आएंगे। इन्हें स्लैब बेनिफिट 3 महीने का ही मिलेगा।

अजित इगतपुरीकर, जनसंपर्क अधिकारी, महावितरण के मुताबिक मीटर रीडिंग का काम 30 जून तक चलेगा। सभी उपभोक्ताओं को 3 महीने का स्लैब बेनिफिट दिया जाएगा। रीडिंग पौने चार महीने की हुई, तो भी उपभोक्ता को 3 महीने ही स्लैब बेनिफिट मिलेगा। मार्च के बाद पहली बार मीटर रीडिंग हो रही है। जहां तक हजारों मीटरों की फोटो में रीडिंग दिखाई नहीं देने का सवाल है, तो ऐसे मीटरों की दोबारा रीडिंग ली जाएगी और संबंधितों को सही बिल भेजा जाएगा। 30 जून के पहले यह काम हो जाएगा।

0-100 यूनिट, 101 से 300 यूनिट, 301 से 500 यूनिट व 501 से ज्यादा यूनिट। यूनिट जैसे-जैसे बढ़ेंगे बिजली के दाम भी बढ़ते जाएंगे। 100 यूनिट के लिए जितना रेट तय है, उससे ज्यादा रेट दूसरे स्लैब के लिए है। जिनकी रीडिंग 4 तारीख के बजाय 27 तारीख को हुई, उन्हें 3 महीने ही स्लैब बेनिफिट मिलेगा। 23 दिन के लिए कोई स्लैब बेनिफिट नहीं मिलेगा।

लॉकडाउन के बाद पहली बार मीटर रीडिंग के लिए मीटर के जो फोटो निकाले गए, उनमें से 34 हजार से ज्यादा मीटरों की रीडिंग या तो दिखाई नहीं दे रही या अस्पष्ट है। मीटर की सही फोटो निकालना महावितरण कर्मचारी की जिम्मेदारी है। महावितरण का दावा है कि इन मीटरों की दोबारा रीडिंग लेकर सही बिल भेेजे जाएंगे। महावितरण ने जून में औसत बिल नहीं भेजने का निर्णय लिया है। इसलिए सभी उपभोक्तााओ को मार्च के बाद का एक साथ बिल भेजा जा रहा है।

 

 

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