आगामी 4 मार्च को 31 हजार दीपों जलाने का आयोजन किया गया है
नागपुर : उपराजधानी साहित देश में शोभायात्रा के लिए प्रसिद्ध श्री पोद्दारेश्वर राम मंदिर की स्थापना के इस वर्ष 4 मार्च को 100 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। इस इस अवसर पर आज (बुधवार) की शाम मंदिर में 21 हजार दीप जलाए गए। वहीं मंदिर परिसर से लगे रामझुला पर आगामी 4 मार्च को 31 हजार दीपों जलाने का आयोजन किया गया है।
कोरोना के चलते पिछले तीन साल से श्रीराम नवरात्रि में धार्मिक कार्यक्रम संपन्न हुए थे, लेकिन बंदिशों के चलते शोभायात्रा नहीं निकाली जा सकी थी। किंतु यह वर्ष मंदिर की स्थापना का शताब्दी वर्ष है, इसलिए इस वर्ष भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। दक्षिण भारत में, तिरुपति बालाजी और रामेश्वरम मंदिर, शास्त्रीय मान्यता के अनुसार, बिजली के दीयों से बचते हैं और देवताओं की मूर्तियों को पारंपरिक दीपक की रोशनी में जलाया जाता है। इसी कि तर्ज पर पोद्दारेश्वर मंदिर में शाम 7 बजे से 10 बजे तक तीन घंटे तक 21 हजार से अधिक दीपों की रोशनी से मंदिर साहित परीसर जगमग हुवा था।
वैसे ही मंदिर के शताब्दी समारोह के अवसर पर 4 मार्च को मंदिर भवन व उसके सामने रामझूले पर 31 हजार बत्तियों का दीपोत्सव भी इसी तीन घंटे के लिए किया जाना तय है। इस दौरान अभिषेक, हवन, सहस्त्रनाम अर्चना और मंगल गीत किया जाएगा। इस साल 30 मार्च को शाम को 4 शोभायात्रा प्रारंभ होगी और 95 नयनाभिराम चित्ररथ आकर्षण का केंद्र रहेंगे। पिछले 100 वर्षों में, मंदिर न केवल शोभायात्रा का आयोजन करता है, बल्कि सभी भाषाओं में 4000 पुस्तकों से समृद्ध श्रीराम पुस्तकालय भी है। साथ ही अस्पताल में मुफ्त इलाज की सुविधा भी है। पिछले 97 सालों से हर साल कोजागरी की रात को चांदनी में दमा के मरीजों को मुफ्त अनुपान (खीर) बांटी जाती है।