नागपुर : राज्य सरकार ने वर्ष 2016 में ही कर्मचारियों को 7वां वेतन आयोग लागू किया था. किंतु महानगरपालिका ने इसे लागू नहीं किया. हालांकि मनपा की सभा में सर्वसम्मति से वेतन आयोग लागू करने की सहमति तो जताई गई, किंतु मनपा सक्षम नहीं होने का कारण देते हुए फरवरी में ही राज्य सरकार को पत्र भेज दिया गया था. राज्य और मनपा में भी भाजपा की सरकार होने के बावजूद कर्मचारियों को न्याय नहीं मिलने पर सत्ता परिवर्तन होने के बाद पालक मंत्री नितिन राऊत की ओर से कर्मचारियों को 7वां वेतन आयोग लागू करने की दिशा में अथक प्रयास किए गए.
कोरोना महामारी के संकटकाल के कारण भले ही 9 माह की देरी हुई हो, किंतु अब मनपा के 11,537 कर्मचारियों को 7वां वेतन आयोग लागू किया गया है. बताया जाता है कि इस संदर्भ में पालकमंत्री नितिन राऊत ने नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे के साथ कई बार चर्चा की. यहां तक कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समक्ष भी इस मसले को रखा गया.
चर्चा के अनुसार 25 नवंबर को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में वेतन आयोग लागू करने का निर्णय लिया गया जिसके बाद अब मंगलवार को नगर विकास विभाग की ओर से मनपा कर्मचारियों को 7वां वेतन आयोग लागू करने के संदर्भ में सुधारित वेतनश्रेणी 1 जनवरी 2016 तथा प्रत्यक्ष वेतन 1 सितंबर 2019 से लागू करने के आदेश दिए गए.
पालक मंत्री राऊत और नगर विकास मंत्री शिंदे ने इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया. इस अवसर पर विपक्ष के नेता तानाजी वनवे, वरिष्ठ पार्षद प्रफुल्ल गुडधे, मनपा संगठन के अध्यक्ष सुरेन्द्र टिंगने, ईश्वर मेश्राम, प्रवीण तंत्रपाले, रंजन नलोडे, बाबा श्रीखंडे, अरुण तुरकेल, विनोद राऊत, कुणाल मोटघरे, कृष्णकुमार पांडे आदि उपस्थित थे.