
वार्ताओं में उलझाकर चीन ने फिर शुरू की युद्ध की तैयारी
नागपुर : हिंदी-चीनी भाई भाई का नारा लगाते हुए 20 अक्टूबर 1962 को कम्युनिस्ट चीन की लाल सेना ने पूर्व में अरुणाचल व पश्चिम में लद्दाख क्षेत्र पर हमला कर हजारों किमी की जमीन पर कब्जा किया। हम आज तक चीन से वह जमीन वापस नहीं ले पाए। आज फिर चीन ने हमें वार्ताओं में उलझाकर युद्ध की तैयारी शुरू कर दी है। हमारी सेना भी इस धोखेबाज चीन की लाल सेना को सबक सिखाने पूरी तरह मुस्तैद है। अब जरूरत है देशवासियों को सेना के साथ खड़े रहने की। यह आह्वान भारत तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक मेंढे ने किया।
भारत तिब्बत सहयोग मंच की ओर से संविधान चौक के पास जन-प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर मंच के विदर्भ प्रांत अध्यक्ष प्रा. विजय केवलरामानी, उपाध्यक्ष संदीप माने, महामंत्री विराग राऊत, महिला प्रमुख सपना तलरेजा आदि प्रमुखता से उपस्थित थे। अशोक मेंढे ने आगे कहा कि हमारे देश के भीतर भी कम्युनिस्ट चीन के दलालों की उपस्थिति को नकारा नहीं जा सकता है। नक्सली भी इन्हीं विचारों की नाजायज संतान है। इसलिए ऐसे दलाल व नक्सली युद्ध के समय अधिक सक्रिय होने की संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता। ऐसे समय में हम भारतवासियों का कर्तव्य बनता है कि समय रहते सजग होकर ऐसे चीनी दलालों को दबोच लें। भारत तिब्बत सहयोग मंच विदर्भ प्रांत के अध्यक्ष विजय केवलरामानी ने भी संबोधित किया। संचालन विराग राऊत व आभार प्रदर्शन सपना तलरेजा ने किया।