- Breaking News, PRESS CONFERENCE, नागपुर समाचार

नागपुर समाचार : आवासीय प्लॉट पर बहुमंजिला अस्पताल को दी गई मंजूरी, मनपा में बड़ा घोटाला, बिल्डर को फर्जी क्षेत्रफल और एफएसआई का लाभ

नागपुर समाचार : मनपा के आगामी चुनावों के मद्देनजर ही सही, लेकिन अब विपक्षी दल कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे अचानक सक्रिय हो गए हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गत कुछ दिनों से न केवल जनता की समस्याओं को लेकर आवाज बुलंद की जा रही है, बल्कि मनपा प्रशासन के भ्रष्टाचार भी उजागर किए जा रहे हैं। हालांकि मनपा में भ्रष्टाचार कोई नई बात तो नहीं है, लेकिन भ्रष्टाचार का आलम यह है कि लोगों की जान से भी खिलवाड़ करने में प्रशासन नहीं चूक रहा है। शुक्रवार को पत्र परिषद में विधायक विकास ठाकरे ने इसी तरह के कई मुद्दे उजागर किए जिसमें मनपा के नगर रचना विभाग की ओर से नियमों को ताक पर रखकर आवासीय प्लॉट पर बहुमंजिला अस्पताल के निर्माण को मंजूरी प्रदान कर दी गई। उन्होंने कहा कि जिस बिल्डर ने इस इमारत का निर्माण किया, उसका न केवल फर्जी क्षेत्रफल बल्कि उसे एफएसआई का लाभ भी प्रदान किया गया।

ठाकरे ने कहा कि मनपा के अभियंताओं ने निर्माण मानचित्र को मंजूरी देते समय भूखंड का क्षेत्रफल लीज अनुबंध में निर्दिष्ट १,६२२.९ वर्ग मीटर के बजाय १,७६१.८९ वर्ग मीटर माना। इस प्रकार अभियंताओं ने १३८.९९ वर्ग मीटर (१,४९५.५३ वर्ग फुट) क्षेत्रफल कृत्रिम रूप से बढ़ाकर बिल्डर को अनुचित और अतिरिक्त एफएसआई लाभ पहुंचाया। उन्होंने कहा कि एक विशेष दीवानी मामले में ७ नवंबर २००१ को एक समझौता डिक्री दी गई थी, जिसके अनुसार सुम्भ और भागवत दोनों पक्षों की संयुक्त सहमति के बिना किसी भी कंस्ट्रक्शन प्लान को मंजूरी नहीं दी जा सकती थी। मनपा को इस डिक्री की सूचना दी गई थी। फिर भी अभियंताओं ने केवल बिल्डर द्वारा प्रस्तुत आवेदन के आधार पर प्लान को मंजूरी दी।

डेवलपमेंट प्लान बदलकर हेराफेरी

सुम्भ परिवार ने २०१९ में जिलाधिकारी कार्यालय को गलत जानकारी दी कि वे अपने हिस्से पर आवासीय इमारत बनाएंगे, जबकि उन्होंने पहले ही २०१६ में मनपा से अस्पताल/वाणिज्यिक उपयोग के लिए पहला कंस्ट्रक्शन प्लान स्वीकृत करवा लिया था। इसके अलावा २०१९ में उप-विभाजन होने के बावजूद २०२१ में संशोधित डेवलपमेंट प्लान को संपूर्ण संयुक्त भूखंड पर मंजूरी दी गई, जिससे बिल्डर को अवैध रूप से अतिरिक्त एफएसआई और खुली जगहों में छूट मिली। उन्होंने कहा कि अशोक भागवत के पुत्र लेफ्टिनेंट कर्नल अनंत भागवत ने २०१४ से लगातार कई शिकायते