सेवासदन में शिववैभव किले प्रतियोगिता का शुभारंभ
नागपुर समाचार : शिवरायों का गौरवशाली इतिहास, संस्कृति और किलों के रूप में उनकी विरासत अत्यंत प्रेरणादायक है, और यह नई पीढ़ी तक पहुँचना आवश्यक है। इसी उद्देश्य से खासदार सांस्कृतिक महोत्सव समिति ने शिववैभव किले प्रतियोगिता आयोजित की है। समिति की यह पहल अवश्य सफल होगी, ऐसा विश्वास केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने व्यक्त किया।
नागपुर शहर को सांस्कृतिक नगर के रूप में प्रतिष्ठा दिलाने वाली खासदार सांस्कृतिक महोत्सव समिति और सेवासदन शिक्षण संस्था के संयुक्त तत्वावधान में सेवासदन विद्यालय परिसर में विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए किलों की प्रतियोगिता का शुभारंभ शनिवार की सुबह नितीन गडकरी के हस्ते किया गया।
इस अवसर पर शिवसाहित्य के ज्ञाता धर्मभास्कर सद्गुरुदास महाराज, राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, समिति के अध्यक्ष प्रा. अनिल सोले, सेवासदन की अध्यक्षा कांचन गडकरी, सचिव वासंती भागवत, राजे मुधोजी भोसले, रमेश सातपुते, दुर्ग प्रतिष्ठान के अतुल गुरू, पूर्व महापौर दयाशंकर तिवारी, पूर्व विधायक सुधाकर कोहळे और संयोजक संजय बंगाले मंच पर उपस्थित थे।
कार्यक्रम में नितीन गडकरी ने कहा कि बचपन में सद्गुरुदास महाराज ने हमें शिवसंस्कृति समझाने का कार्य किया था। हमारी संस्कृति और इतिहास प्रेरणादायक हैं। शिवाजी महाराज का इतिहास नई पीढ़ी को समझना आवश्यक है, और इसी उद्देश्य से इस वर्ष पहली बार किले प्रतियोगिता को सांस्कृतिक महोत्सव में शामिल किया गया है। इस महोत्सव में धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र के महान विभूतियों का स्मरण भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से अतीत का गौरवशाली इतिहास भविष्य के लिए प्रेरणा बनेगा।
किले प्रतियोगिता के प्रमुख तथा दुर्ग प्रतिष्ठान के अतुल गुरू ने बताया कि इस प्रतियोगिता के अंतर्गत विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देकर सेवासदन विद्यालय में १२ तथा शहर के विभिन्न भागों में कुल १५० किले तैयार किए गए हैं। प्रतियोगिता को विद्यालयीन और व्यक्तिगत दो भागों में विभाजित किया गया है। आगामी सप्ताह भर इन किलों का मूल्यांकन किया जाएगा।
चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि शिवरायों के किलों को यूनेस्को की सूची में स्थान मिला है, जो गौरव की बात है। नितीनजी की प्रेरणा से समिति ने यह उपक्रम आरंभ किया है, जिससे बालमन पर उचित संस्कार होंगे। कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. अमर कुलकर्णी ने धर्मभास्कर सद्गुरुदास महाराज रचित शिवगीत प्रस्तुत किया।
सेवासदन संस्था की सचिव वासंती भागवत, संस्था पदाधिकारी डॉ. मंजिरी पाठक, डॉ. कल्पना उपाध्याय और डॉ. सुनील पांडे ने अतिथियों का स्वागत किया। विद्यार्थियों ने शिवशाही शस्त्र प्रशिक्षण का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन संजय बंगाले ने किया और आभारप्रदर्शन डॉ. अमर कुलकर्णी ने किया।
इस अवसर पर सेवासदन शिक्षा संस्था के उपाध्यक्ष बापूसाहेब भागवत, किले प्रतियोगिता समिति के शीतल वैद्य, धनंजय डेग्वेकर, सचिन कराळे, मंगेश बारसागडे, डॉ. दत्तात्रेय सोनेगांवकर, सचिव चावरे, अभिजित जाधव तथा खासदार सांस्कृतिक महोत्सव समिति के जयप्रकाश गुप्ता, अविनाश घुशे, बाल कुलकर्णी और सभी परीक्षक उपस्थित थे।
दुर्ग शिवराय के सच्चे साथी – सद्गुरुदास महाराज
शिवाजी महाराज के स्वराज्य निर्माण में किलों का अत्यंत महत्त्व रहा है। किले उनके सच्चे साथी और सहयोगी थे। उन्हें किलों से असीम प्रेम था। खासदार सांस्कृतिक महोत्सव समिति द्वारा इस प्रतियोगिता का आयोजन वास्तव में प्रशंसनीय है, ऐसा कहते हुए सद्गुरुदास महाराज ने शिवाजी महाराज की स्मृतियाँ साझा कीं। इस अवसर पर दुर्ग प्रतिष्ठान के अतुल गुरू ने वि. स. बेंद्रे द्वारा लिखित शिवचरित्र के दो खंड सद्गुरुदास महाराज को भेंटस्वरूप प्रदान किए।




