‘अच्छी नर्सरियों की योजना और संशोधित नीति’ के संदर्भ में समीक्षा की गई
नागपुर समाचार : संत्रे विदर्भ का गौरव हैं और उनकी गुणवत्ता सुधारने तथा उन्हें वैश्विक बाज़ार में निर्यात योग्य बनाने के लिए नर्सरियों को सशक्त बनाना आवश्यक है। इस संबंध में, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री माननीय श्री नितिन गडकरी ने बताया कि वे जल्द ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय कृषि एवं बागवानी मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के साथ राज्य और केंद्र सरकार की कृषि नीति में आवश्यक संशोधन करने के लिए चर्चा करेंगे।
गडकरी ‘संतरे उत्पादकों के लिए अच्छी नर्सरियों की योजना और संशोधित नीति’ विषय पर आयोजित एक बैठक में बोल रहे थे। इस अवसर पर माननीय श्री गडकरी ने स्पष्ट किया कि यदि संतरे का उत्पादन और गुणवत्ता बढ़ानी है, तो किसानों तक रोगमुक्त और उच्च गुणवत्ता वाली नर्सरी कटिंग पहुँचाने के लिए गंभीर प्रयास किए जाने चाहिए। सरकार, कृषि विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय नीबू वर्गीय फल अनुसंधान संस्थान को मिलकर कार्य पद्धति निर्धारित करनी चाहिए। एन. गडकरी ने कहा, “हमें स्पेन और इज़राइल जैसी आधुनिक तकनीक और बागवानी में नर्सरी प्रबंधन को भी अपनाना चाहिए। इससे उत्पादन और आय दोनों में वृद्धि होगी।” उन्होंने आगे कहा कि वे राज्य और केंद्र सरकारों से राज्य के मौजूदा नर्सरी कानून में संशोधन करने और गुणवत्तापूर्ण व रोगमुक्त नर्सरी स्थापित करने की नीति बनाने का आग्रह करेंगे।
बैठक में वरिष्ठ कृषि विशेषज्ञ डॉ. सी. डी. मायी, आम विशेषज्ञ डॉ. भगवानराव कापसे, पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय के डीन डॉ. पंचभाई, फल विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. शशांक भारद, जिला कृषि अधीक्षक रवींद्र मनोहरे, राष्ट्रीय नीबू वर्गीय फल अनुसंधान केंद्र के डॉ. दास, महा ऑरेंज के अध्यक्ष श्रीधरराव ठाकरे, एग्रोविजन के सुधीर दिवे, डॉ. प्रवीण भालेराव सहित नर्सरी मालिक और संतरा उत्पादक उपस्थित थे।
विशेषज्ञों का गहन मार्गदर्शन
डॉ. शशांक भारद ने नर्सरी संचालन के मानदंड, आवश्यक निवेश, मातृ वृक्ष बाग की योजना और संतरे के पौधे खरीदते समय किसानों द्वारा बरती जाने वाली सावधानियों पर एक प्रस्तुति दी। डॉ. पंचभाई ने मूलवृंत और पारंपरिक नर्सरियों की सीमाओं और रोगों के बारे में जानकारी दी। जिला कृषि अधीक्षक रवींद्र मनोहरे ने राज्य में नर्सरी अधिनियम पर प्रस्तुति देते हुए सुझाए गए संशोधनों की व्याख्या की। डॉ. सी. डी. माई ने सुझाव दिया कि कृषि विश्वविद्यालयों को भी गुणवत्तापूर्ण नर्सरियों की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए।
संयुक्त नीति की पहल
इस मुद्दे पर नीतिगत निर्णय लेने के लिए संतरा उत्पादकों, नर्सरी मालिकों, कृषि विश्वविद्यालयों और सरकार के कृषि विभाग की एक संयुक्त बैठक आयोजित की गई। सुधीर दिवे ने प्रस्तावना प्रस्तुत की। इस बैठक में यह माना गया कि यह निर्णय संतरा उत्पादक किसानों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।