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विदर्भ समाचार : विराग मधुमालती ने फिर रचा इतिहास शिव तांडव स्तोत्रम् को सर्वाधिक तीव्र गति से गाकर बनाया विश्व कीर्तिमान

वर्ल्ड रिकॉईस बुक ऑफ इंडिया में दर्ज कराया अपना नाम

विदर्भ समाचार : कैनरी आइलैंड (लोनावला के पास) के शानदार वादियों में रचा गया विराग ‌द्वारा इतिहास। भारत के सुप्रसिद्ध गायक विराग मधुमालती ने एक बार फिर इतिहास रचते हुए अपना नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक ऑफ इंडिया में दर्ज करवा लिया है। उन्होंने शिवभक्ति के शिखर स्तोत्र ‘शिव तांडव स्तोत्रम्’ को मात्र 1 मिनट 33 सेकंड में सम्पूर्ण गाकर यह अद‌वितीय विश्वविक्रम हासिल किया है।

विशेष उल्लेखनीय यह रहा कि इतनी तीव्र गति के बावजूद उन्होंने मंत्रों का अत्यंत स्पष्ट उच्चारण, सुर, ताल और लय को पूर्ण शुद्धता के साथ प्रस्तुत किया जो उनकी वर्षों की साधना और निष्ठा का जीवत प्रमाण है।

सफलता का समारोह : इस ऐतिहासिक उपलब्धि के उपलक्ष्य में आयोजित पत्रकार परिषद में विराग मधुमालती के साथ उनकी सहचारिणी वंदना वानखडे, कैनरी आईलैंड के संस्थापक श्री नंदकुमार वाळज एवं संचालक श्री सागर बाळज भी उपस्थित रहे।

विराग ने इस प्रस्तुति का चित्रीकरण भारत के विविध स्थों पर कर इसे अपने यूट्यूब चैनल “Virag Madhumalati Music’ पर लॉन्च किया है।

वर्षों की शिव साधना और सामाजिक योगदानः विराग मधुमालती कई वर्षों से शिव साधना कर रहे हैं और पिछले चार वर्षों से उन्होंने शिव तांडव स्तोत्रम् पर विशेष रूप से कार्य किया।

इससे पहले भी विराग ने ७ बार जागतिक विश्वविक्रम (वर्ल्ड रिकार्डस) स्थापित कर भारत देश को गौरावित किया है और अनेक सामाजिक विषयों की जनजागृति की है। उन्होंने १०० दिनाक तक अपनी आंखों पर काली पट्टी बांध कर दिव्यांग व्यक्ति का जीवन व्यतीत किया और अनेक जगहों पर कार्यक्रम लेकर नेत्रदान की जनजागृति की है।

पिछले सितंबर महीने में उन्होंने नवी मुंबई से नाकोडाजी की १३०५ की मि राजस्थान की पैदल यात्रा की और इस दौरान ५४००० वृक्षारोपण किए और इतिहास रच दिया।

इसी यात्रा के दौरान उन्होंने २४ घंटों लगातार १११ किमी पैदल चलने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी स्थापित किया है।

विराग की यह उपलब्धि न केवल भारतीय संस्कृति और भक्ति परंपरा को गौरवान्वित करती है, बल्कि यह समाज के लिए समर्पण, अनुशासन और सकारात्मकता का प्रेरक उदाहरण भी प्रस्तुत करती है।

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