- Breaking News, नागपुर समाचार

नागपुर : कॉप्स इन कॉगमायर’ नामक पुस्तक का विमोचन पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार के हाथों किया गया

फिल्मी हीरो नहीं सामान्य पुलिस कर्मियों की व्यथा 

नागपुर : अपने कार्यकाल के दौरान आए अनुभवों को शब्दों में पिरोकर एडीजी जेल सुनील रामानंद ने ‘कॉप्स इन कॉगमायर’ नामक पुस्तक लिखी. बुधवार को पुस्तक का विमोचन पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार के हाथों किया गया. अपनी पुस्तक की जानकारी देते हुए रामानंद ने कहा कि इसका कोई भी किरदार सिंघम और सुपरकॉप जैसे फिल्मी हीरो का नहीं है. ये उन सामान्य पुलिस कर्मियों के अनुभवों और व्यथा पर आधारित है. अपने कार्यकाल के दौरान पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को कई तरह के अच्छे-चुरे अनुभव आते हैं.

आगे क्या हुआ यह किताब पढने पर ही पता चलेगा. इस तरह के अनुभव और चुनौतियां पुलिस को ही मिलती है किताब लिखना जितना कठिन है उससे ज्यादा कठिन प्रकाशक मिलना है. सीपी अमितेश कुमार ने कहा कि देश और समाज की सेवा सबसे बड़ा कार्य है. पुलिस को अपना शौक पूरा करने का समय नहीं मिलता, ऐसे में पुस्तक लिखना ज्यादा चुनौती भरा काम है.रामानंद ने बहुत सुंदर पुस्तक लिखी है. इसे लिखने के लिए उन्हें काफी परिश्रम करना पड़ा.इस पुस्तक को लिखने में उन्हें 7 वर्ष का समय लगा, भविष्य में अन्य पुस्तके जल्दी प्रकाशित होगी.आईजी रेंज चिरंजीव प्रसाद, डीआईजी नीलेशभरणे, नवीनचंद्र रेड्डी और डीसीपी गजानन राजमाने प्रमुख रूप से उपस्थित थे. संचालन अजय पाटिल ने किया.

जांच में रहस्य, रोमांच और चैलेंज छिपे होते हैं. ग्रामीण क्षेत्र के एक सराफा दूकान में हुई डकैती के मामले की जांच में पुलिस को पसीना छूट गया. सामाजिक और राजनीतिक आरोपों के बाद प्रकरण की जांच के लिए विशेष दस्ते का गठन किया गया. इस दस्ते ने प्रकरण के एक-एक आरोपी को गिरफ्तार किया और माल भी जब्त किया, लेकिन जांच के दौरान एक महिला की मौत हो गई. पुलिस के त्याचार से महिला की मौत होने के आरोप लगने लगे. आखिर सीआईडी को जांच सौंपी गई. इस दौरान पुलिस को कैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा ये केवल पुलिस ही जानती है. पुलिस के खिलाफ आत्महत्या के लिए बाध्य करने का मामला दर्ज किया गया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *