नागपुर समाचार : मानसून से पहले शहर में खोदी गई सभी सड़कें 31 मई से पहले ठीक कर दी जानी चाहिए, अन्यथा संबंधित ठेकेदारों पर जुर्माना लगाया जाएगा और आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, नागपुर महानगरपालिका मानसून के दौरान किसी भी विभाग या संस्था को सड़कें खोदने की अनुमति नहीं देगी। यदि कोई विभाग खुदाई शुरू करता है, तो उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की जाएगी। मंगलवार को मनपा आयुक्त चौधरी ने अधिकारीयों के साथ बैठक की जिसमें उन्होंने यह बात कही। इसी के साथ आयुक्त काम में लापरवाही बरतने वाले मनपा के इंजीनयरों के खिलाफ भी कार्रवाई की चेतावनी दी।
नागपुर महानगरपालिका ने शहर के विभिन्न हिस्सों में सीवर लाइन, पेयजल लाइन और अन्य कार्यों के लिए सड़कें खोदी हैं। इन सड़कों का काम पूरा करने और उन्हें बहाल करने के लिए मनपा आयुक्त और प्रशासक डॉ. अभिजीत चौधरी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। इस बैठक में अतिरिक्त आयुक्त वसुमना पंत, मुख्य अभियंता श्री मनोज तालेवार, अधीक्षण अभियंता डॉ. श्वेता बनर्जी, कार्यकारी अभियंता राजेश दुफारे, श्रीकांत वायकर और सभी जोन कार्यकारी अभियंताओं के साथ-साथ काम करने वाले ठेकेदार मौजूद थे।
अधीक्षण अभियंता डॉ. श्वेता बनर्जी ने सीवर लाइन और वाटर चैनल बिछाने के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। डॉ. बनर्जी ने अमृत योजना फेज 2 के तहत किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए वाटर चैनल के कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 78.94 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। वाटर चैनल और फीडर लाइन बिछाने के लिए 40.96 किलोमीटर कार्य चल रहा है। इसमें से 32.33 किलोमीटर कार्य पूर्ण हो चुका है। वर्तमान में 8.63 किलोमीटर कार्य अधूरा है। आयुक्त ने सभी ठेकेदारों को इन कार्यों को तत्काल पूर्ण करने के निर्देश दिए। कई ठेकेदारों द्वारा कम मैनपावर का उपयोग किए जाने के कारण कार्य में देरी हुई है। डॉ. चौधरी ने यह भी कहा कि यदि मानसून के दौरान सड़क का कार्य पूरा किया जाता है तो ठेकेदारों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
मलबा नहीं हटाने पर जुर्माना
शहर की मलिन बस्तियों या अविकसित क्षेत्रों में सीवर लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है। इस बारे में जोनवार जानकारी दी गई। सड़क का काम ऐसी स्थिति में किया जाए कि वाहन फिसलकर सड़क पर न गिरें। इस संबंध में किसी भी नागरिक की ओर से कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। सड़क पर किसी भी तरह का मलबा या कचरे का ढेर दिखाई देने पर काम नहीं किया जाना चाहिए। इस मलबे को हटाने की जिम्मेदारी भी ठेकेदारों की है। यह काम 31 मई से पहले पूरा हो जाना चाहिए। यह मलबा हटाया गया या नहीं। नगर निगम के सफाई विभाग द्वारा इसकी जांच की जानी चाहिए और दोषी पाए जाने वाले ठेकेदारों पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए।