नागपुर समाचार : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की पत्नी कंचन गडकरी ने नागपुर के धापेवाड़ा स्थित भक्ति फार्म में 800 ग्राम से लेकर 1 किलो तक वजनी प्याज का उत्पादन किया है। यह जानकारी खुद केंद्रीय मंत्री ने वीडियो पोस्ट कर दी है। इसी के साथ यह भी जानकारी दी कि, बीज कहाँ से लाये आगये इसके उत्पादन में किस तकनीक का इस्तेमाल किया है।
गडकरी द्वारा जारी वीडियो के अनुसार, बीज नीदरलैंड से लाए गए थे। सेमिनिस कंपनी के इन 2.5 किलो के बीजों को एक एकड़ जमीन में बोया गया। वहां 45 दिनों तक नर्सरी तैयार की गई। इसके बाद उगाए गए पौधों को दूसरी जगह रोपा गया। डबल ड्रिप सिंचाई की गई। इस मिट्टी में जैविक खाद मिलाई गई। इसके बाद इस बेड पर मल्चिंग पेपर डाला गया, इसमें छेद किए गए और पौधे रोपे गए।
करीब 24 हजार प्याज के पौधे रोपे गए। इस दौरान 7 से 10 फीसदी मृत्यु दर रही, जो कृषि पैमाने की तुलना में कम थी। आखिरकार प्याज तैयार हो गया, एक प्याज का वजन 400 ग्राम से 800-1000 ग्राम है। गडकरी ने एक एकड़ से 12 से 13 टन उत्पादन किया है। इस दौरान सभी तरह की सावधानी बरती गई। यही नहीं केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इस तरह अगर कोई किसान जैविक खेती करना चाहता है तो हम उसकी पूरी मदद करेंगे ऐसा आश्वासन भी दिया है।
खरीफ सीजन में महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश राज्यों में बड़े पैमाने पर प्याज की खेती की जाती है। हालांकि, अगर कोई प्राकृतिक आपदा आती है, तो प्याज का उत्पादन कम हो जाता है, जिससे देश में प्याज की कमी हो जाती है और कीमतें बढ़ जाती हैं। नासिक, पुणे और सोलापुर बेल्ट में बड़े पैमाने पर प्याज का उत्पादन होता है। हालांकि, अभी भी यह माना जाता है कि नासिक जिले का लाल प्याज के उत्पादन में ‘एकाधिकार’ है। हकीकत में, यह पांच-सात साल पहले टूट गया है। पिछले पांच सालों से मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और कर्नाटक में बड़े पैमाने पर लाल प्याज का उत्पादन हो रहा है।