▪️ सुपर क्रिटिकल प्रौद्योगिकी का होगा उपयोग
नागपुर समाचार : मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कोराडी औष्णिक विद्युत केंद्र में प्रस्तावित ६६० मेगावाट के दो यूनिट का काम जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इस प्रोजेक्ट में सुपर क्रिटिकल प्रौद्योगिकी का उपयोग करने को कहा।
मुख्यमंत्री फड़णवीस की अध्यक्षता में विधान भवन के समिति सभागार में इस प्रोजेक्ट को लेकर हुई समीक्षा बैठक में राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, गैर-परंपरागत ऊर्जा मंत्री अतुल सावे, राज्य मंत्री मेघना बोर्डिकर प्रमुखता से उपस्थित थे। मुख्यमंत्री फड़णवीस ने कहा कि कोराडी विद्युत परियोजना के लिए वेस्टर्न कोल इंडिया के कोयले का उपयोग किया जाना चाहिए। कम से कम प्रदूक्षण हो इसका ध्यान रखें। यह सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि यह प्रोजेक्ट पर्यावरण के अनुकूल हो।
इस प्रोजेक्ट से उत्पादित बिजली कम कीमत पर उपलब्ध होगी। इस प्रोजेक्ट के लिए ट्रीटमेंट किए सीवरेज पानी का उपयोग किया जाएगा। इसलिए, पानी की कोई समस्या नहीं होगी। गारेपालमा के कोयले का उपयोग करने के लिए उसके निकट एक और बिजली संयंत्र स्थापित करने का भी निर्देश दिया।
महानिर्मिति के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. राधाकृष्णान बी. ने इस प्रोजेक्ट की जानकारी दी। यह १४,३३७ करोड़ का प्रोजेक्ट है और इसमें एफजीडी और एससीआर संयंत्रों का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध है और आगे भूमि अधियाग्रहण की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव (ऊर्जा) आभा शुक्ला, मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रधान सचिव अश्विनी भिडे, महावितरण के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक लोकेश चंद्रा, महापारेषण के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. संजीव कुमार और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।