नागपुर : तत्कालीन पुलिस आयुक्त डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय के सक्षम नेतृत्व में पुलिस प्रशासन को नागपुर पर लगा हुआ ‘क्राइम कैपिटल का टैग’ हटाने में सफलता मिली है. उपाध्याय ने अपने 2 वर्षों के कार्यकाल में कई अपराधियों को कड़ी कार्रवाई करते हुए सिटी पर लगा हुआ यह दाग मिटा दिया. यह प्रतिपादन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने शनिवार को सिविल लाइन स्थित पुलिस जिमखाना में आयोजित बीके उपाध्याय के विदाई समारोह में व्यक्त किए.
उन्होंने उपाध्याय के कार्यों की सराहना कर उन्हें शॉल-श्रीफल व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया. साथ ही अपर पुलिस आयुक्त शशिकांत महावरकर को भी विदाई देते हुए सम्मानित किया गया. इस अवसर पर सिटी के नये सीपी अमितेश कुमार, डीसीपी राहुल माकनीकर, विनिता शाहू, सीनियर पीआई नरेंद्र हिवरे और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे.
संपत्ति के मामलों के लिए SIT जरूरी : गृह मंत्री ने कहा कि सिटी में जमीन और सपत्ति हड़पने की शिकायते तेजी से बढ़ रही है. नागपुर में संपत्ति से जुड़े मामलों को नियंत्रित करने के लिए विशेष जांच पथक (एसआईटी) की स्थापना करने की आवश्यकता है. वहीं कोरोना महामारी से लड़ाई में पुलिस विभाग ने उल्लेखनीय काम किया. 165 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की इस महामारी के कारण मौत हुई, बावजूद इसके वे अपनी जान जोखिम में डालकर दिन-रात निष्ठापूर्वक सेवा दे रहे हैं. महामारी संकट काल में सिटी पुलिस और महाराष्ट्र पुलिस को जो भी आवश्यकता हो उसे राज्य शासन की ओर से जरूर पूरी की जाएगी.
जनता के विश्वास ने बनाया सफल : विदाई समारोह में उपाध्याय ने कहा कि पुलिस महकमे के सहयोग के कारण ही मैं नागपुर में पांचवीं बार अच्छी तरह से काम कर सका.जनता के विश्वास और समर्थन से 30 प्रतिशत आपराधिक गतिविधियों को कम करने में सफलता मिली है. विधानसभा-लोकसभा चुनाव से लेकर सीएए विरोधी आंदोलन तक हर मुश्किल घड़ी में पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों ने कड़ा बंदोबस्त किया. सभी के एक साथ काम करने के कारण शहर में कहीं भी कानून-व्यवस्था संबंधी समस्या नहीं निर्माण हुई. कार्यक्रम का संचालन क्राइम ब्रांच के डीसीपी गजानन राजमाने और आभार प्रदर्शन यातायात विभाग के डीसीपी विक्रम साडी ने किया.