
नागपुर : राज्य में फिलहाल कोई नया औष्णिक विद्युत प्रकल्प निर्माण नहीं करने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है. वहीं बिजली की मांग का 25 फीसदी अपारंपरिक व नूतनीकरणीय बिजली उपयोग का नियम अनिवार्य कर दिया गया है. यह जानकारी,ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने दी. उन्होंने बताया कि आर्थिक मंदी के चलते बिजली की मांग 33 फीसदी घट गई थी जिससे कई यूनिट बंद करने पड़े. फिलहाल उन्हें शुरू नहीं किया जा सकता. उसका स्थिर आकार का भार महावितरण को सहन करना पड़ रहा है.
महावितरण ने 35000 मेगावाट बिजली खरीदी का करार विविध कंपनियों से किया लेकिन सिर्फ 14500 मेगावाट की ही मांग है. शेष बिजली का स्थिर आकार भी महावितरण को भुगतना पड़ रहा है. इसलिए बंद यूनिट शुरू नहीं की जा सकतीं और न ही कोई नया संयंत्र शुरू किया जा सकता है. महावितरण ने महानिर्मिति के साथ ही केन्द्रीय ऊर्जा प्रकल्प व निजी उत्पादकों से 35000 मेगावाट बिजली खरीदी का करार किया है. साथ ही 8000 मेगावाट अपारंपरिक बिजली खरीदी बंधनकारक है. ऐसे में नये औष्णिक बिजली प्रकल्प निर्माण नहीं करने का निर्णय सरकार ने लिया है. सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन देने के लिए महावितरण को 25 फीसदी खरीदना पड़ता है.