नागपुर समाचार : दुनिया में भारतीय मसालों की एक अलग पहचान है. भारत को विदेशों में ‘स्पाइस ऑफ इंडिया’ भी कहते हैं, इस कारण दुनिया में सबसे ज्यादा भारतीय मसालों का निर्यात होता है. इससे विदेशी मुद्रा भी प्राप्त होती है. इसी के कारण षड्यंत्र रचा जा रहा है तथा भारतीय मसालों को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. प्रमुखता से चीन पर व्यापारियों का भारी रोष है. देश में वर्षों से सरसों का तेल इस्तेमाल होता है, जिस पर कुछ देशों ने हानिकारक बताकर प्रतिबंधित कर दिया है. महाराष्ट्र मसाला उद्योग संगठन ने इसका पूरजोर विरोध किया है.
अनिल अहिरकर, प्रकाश कटारिया, प्रकाश वाघमारे, विलास पोटे, चंद्रशेखर तिड़के, नरेंद्र काले, अतुल ठकराल ने बताया कि चावल और डेयरी प्रोडक्ट्स, हरी सब्जियां, मछली को भी संदेह के दृष्टिकोण से देखा जाता है. देश में एफएसएसआई संस्था द्वारा मसालों को और खानपान उत्पादों की जांच की गई तथा विदेशों द्वारा लगाये गये आरोपों को खारिज किया गया यह बहुत बड़ी उपलब्धि है. शहरों में भी अन्न व औषधि जांच विभाग द्वारा नियमित खाद्यान्न प्रोडक्ट की जांच की जाती है. इसके बाद भी कमियां निकालना और विदेशों में बदना करना ठीक नहीं है. इससे राजस्व के साथ-साथ देश का नाम भी खराब हो रहा है.