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बिना ‘डील’ वालों के कामों का फाइल ‘लैब’ में

– मनपा अधीक्षक अभियंता कार्यालय का कारनामा

नागपुर : नागपुर महानगरपालिका इन दिनों ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ के कहावत को चरितार्थ कर रहा.एक तो काम बंद,दूसरा १० माह से भुगतान नहीं और तो और जिस ठेकेदार कंपनी से सौदा नहीं हुआ तो उसके फाइलों को मनपा के प्रयोगशाला में भेज दबाव बनाया जा रहा,यह कारनामा मुंढे राज में मनपा अधीक्षक अभियंता कार्यालय में देखने को मिल रहा. याद रहे कि २८ जनवरी २०२० को मनपा के मुखिया तुकाराम मुंढे बने,बनते ही मनपा को कंगाल अर्थात हज़ारों करोड़ का मनपा पर देनदारी बतलाकर अमूमन सभी काम रोक दिए.सिर्फ जो काम शुरू थे,वे ही पूर्ण होने दिए.

इतना ही नहीं मनपा के ठेकेदारों को अगस्त २०१९ के बाद से मनपा प्रशासन ने आजतक भुगतान भी नहीं किए.इससे ठेकेदारों के संग जिन-जिन नगरसेवकों के प्रभागों के कामों का टेंडर और कार्यादेश हो चूका उन्हें रोकने से सभी सकते में आ गए.अनगिनत बार नगरसेवकों के मांग पर प्रशासन सिर्फ मनपा में पैसे नहीं का रोना आजतक रो रहा.

इसी बीच लगभग १ दर्जन कारण बताओ नोटिस को सहन करने वाले लोककर्म विभाग के अधीक्षक अभियंता के कार्यालय के कर्मी उनके नाक के नीचे नए-नए हथकंडे अपना रहे.

विभाग के करीबी सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार जिन जिन ठेकेदारों के काम पुरे हो चुके,उन उन ठेकेदारों के भुगतान के फाइल गैरकानूनी रूप से अधीक्षक अभियंता कार्यालय में मंगवाए जा रहे.इनमें से जिन ठेकेदारों से समझौता (डील) हो जा रहा,उनका एक भी फाइल जाँच के नाम पर प्रयोगशाला नहीं भेजा जा रहा और जिनसे डील नहीं हो रहा,उनमें से अमूमन सभी ठेकेदारों का कम से कम १-१ फाइल मनपा प्रयोगशाला में भेजा जा रहा.इस चक्कर में ठेकेदार जो सौदा नहीं कर रहे वे भुगतान के लिए १-१ कर फ़ाइल अधीक्षक अभियंता कार्यालय तक पहुंचा रहे या फिर १ फाइल छोड़ कर शेष फाइल अपने पास रख रहे.

उल्लेखनीय यह है कि उक्त फाइलों को अध्ययन करने वाला अधीक्षक अभियंता कार्यालय में तैनात कर्मी ही मनपा प्रयोगशाला का मुखिया हैं.इससे साफ़ जाहिर हो रहा कि ‘दाल में काला’ हैं और इनके करतूतों का ठीकरा मनपायुक्त के नाम पर फोड़ा जा रहा.क्या उक्त कलाकारी से अधीक्षक अभियंता अनभिज्ञ हैं या फिर शह दे रहे ?

मामला उछलते ही दलाल सक्रिय
अधीक्षक अभियंता कार्यालय के कारनामों का उजागर होते ही इस विभाग में सक्रिय सफेदपोश दलाल सक्रिय हो गए.ठेकेदारों पर दबाव बनाने के लिए लुभावने जाल फेंकने लगे और उक्त प्रकरण को अफवाह बतलाने लगे.ये वे ही दलाल हैं जिनके कारण ठेकेदारों का शोषण हो रहा और कुछ वर्ष पहले तक इन्हीं के मार्फ़त मनपा में टेंडर घोटाला मनपा मुख्यालय में हो रहा था,जिसका एक हिस्सा दलाल हथिया रहे थे.मनपा आयुक्त तक खुद को ‘दूध का धुला’ सिद्ध करने के लिए मनपायुक्त तक अपनी पैठ बनाने की कोशिश करते भी देखें गए थे.

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