शरद पवार सहित परिवार पर दर्ज हो मामला?
नागपुर समाचार : लवासा परियोजना शरद पवार का पीछा नहीं छोड़ रही है। परियोजना में हुए घोटाले में शरद पवार की जांच करने की मांग को लेकर बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। यचिका में याचिकाकर्ता ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। अदालत ने दायर याचिका पर नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “सस्ती लोकप्रियता के लिए यह याचिका दायर की गई है।” अब इस याचिका पर नए साल में सुनवाई होने की संभावना है।
शरद पवार सहित परिवार पर दर्ज हो मामला?
लवासा को लेकर नासिक के वकील नानासाहेब जाधव ने आपराधिक प्रकृति की जनहित याचिका दायर की है। याचिका में शरद पवार और उनके परिवार पर सवाल उठाते हुए गैरकानूनी ढंग से जमीन को निजी आवंटन करने का आरोप लगाया है।
याचिकाकर्ता ने कैग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा ,” इस परियोजना से सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। यह स्पष्ट है।” इसलिए एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, अजीत पवार, सांसद सुप्रिया सुले, सदानंद सुले, लवासा कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अजीत गुलाबचंद, एमकेवीडीसी के तत्कालीन कार्यकारी अभियंता अर्जुन मस्तूद, तत्कालीन अवर सचिव ए. एच। नाईक, तत्कालीन विकास आयुक्त (उद्योग) भगवान सहाय, लवासा कॉर्पोरेशन लिमिटेड, तत्कालीन पुणे कलेक्टर पर मामला दर्ज कर सीबीआई से जांच करने की मांग की है।
क्या कहा अजित पवार ने?
नागपुर में आयोजित सत्र में पत्रकारों से बात करते अदालत में दायर याचिका पर पवार ने कहा, “कोई भी व्यक्ति किसी के खिलाफ जनहित याचिका लगा सकता है। इस मामले पर हाईकोर्ट तक याचिका लगाई जा चुकी है। उसका क्या निर्णय आया है सभी को पता है। वर्तमान में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। सारी बात लवासा की जनता के सामने है।”उन्होने कहा कि, “सुप्रिया, मेरा या शरद पवार का नाम लिया तो ऐसे लोगों को प्रसिद्धि मिलती है अगर किसी और का नाम लिया होता तो कोई सवाल ही नहीं करता।”
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “मीडिया और जनता को यह जिज्ञासा रहती है की क्या चल रहा है, क्या हो रहा है। बाकी जिसे जो करना है वो करें हमें जो काम किया है वह हमने अपनी योग्यता के अनुसार किया है। हमने कोई गलत काम किया है ऐसा लगता नहीं। आखिर में अदालत के अंदर हमें जो हमारी भूमिका तय करनी है वह हम अपने वकील के माध्यम से करेंगे।”