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नागपुर समाचार : महाविकास अघाड़ी में भड़के देवेंद्र फडणवीस, पूछा- महापुरुषो पर आप के नेताओं ने जो बयान दिए वो जायज?

‘माविया’ ने विरोध नहीं किया’, आदित्य’ के ग्राफिक्स पर अटैक

नागपुर समाचार : सांसद संजय राउत की मां की तुलना जिजाऊ से की जाती है। शरद पवार की तुलना विठ्ठल से की जाती है। क्या यह तुलना उचित है? क्या महापुरुष और विठ्ठल की तुलना की जा सकती है?, शिवसेना और एनसीपी के लोग यह तुलना करते हैं, लेकिन क्या वाकई ऐसी तुलना की जा सकती है? क्या यह संत, देवताओं का अपमान नहीं है? यह सवाल उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज विधान परिषद में पूछा। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्षी दल के बीच भाषणबाजी के दौरान जमकर हंगामा हुआ।

आप किससे तुलना कर रहे हैं?

विपक्षी नेताओं को जवाब देते हुए देवेंद्र फडणवीस बोले, “शिवसेना नेता ने कहा कि संजय राउत की मां जिजाऊ का रूप हैं। उसने शिव जैसे बेटे को जन्म दिया। आप किससे तुलना कर रहे हैं? सभी माताएँ महान होती हैं। लेकिन क्या यह तुलना की जा सकती है, ऐसा सवाल उन्होंने पूछा?

‘माविया’ ने विरोध नहीं किया

विधायक अमोल मितकरी ने भले ही नेक नीयत से बात की हो, लेकिन उन्होंने कहा कि शरद पवार हमारे विट्ठल हैं। शरद पवार बड़े नेता हैं, लेकिन विट्ठल की तुलना किसी से नहीं की जा सकती। शिवसेना नेता शुषम अंधारे के बयान को लेकर फडणवीस ने कहा, “यदि आप बकरियों को संतों का चमत्कार कहते हैं क्योंकि उनमें शिक्षा देने की शक्ति है, तो उन्होंने आम लोगों को क्यों नहीं सिखाया, यह कहकर कि नामदेव महाराज कुत्तों को दूध देते हैं, मनुष्यों को नहीं, यह कहकर कि वे नामदेव महाराज का अपमान करते हैं, क्यों नहीं हम इसका विरोध करते हैं।

संतों का जातियों में विभाजन क्यों?

देवेंद्र फडणवीस ने कहा, वारकरी संप्रदायों ने जातिविहीन वारकरी समाज बनाया। संत चोखोबा और ज्ञानेश्वर मौली भी हैं, लेकिन उनकी जाति कोई नहीं पूछता। क्योंकि वे विचारों को समाज तक पहुंचाते हैं। जगद्गुरु तुकोबा की गाथा को संजोने वाले संताजी महाराज जगनाडे तुकाराम महाराज के समुदाय के नहीं हैं, लेकिन आज वे भी समुदाय में बंटे हुए हैं। इसके बारे में कोई कुछ नहीं कहता।

‘आदित्य’ के ग्राफिक्स पर अटैक

देवेंद्र फडणवीस ने कहा, राहुल कलाल ने शिव राय के चेहरे पर आदित्य ठाकरे की फोटो लगाकर ‘राजा शिवबा माजा’ कहते हुए ग्राफिक बनाया और हैंडल पर ट्वीट किया। अनिल गोटे क्या कहते हैं महारानी पैली पचास की हैं, गन्ने के बागान में राजमाता पैदल हैं। अगर माउली की बात हो रही है तो किसकी बेइज्जती हो रही है?

सावरकर का उदाहरण क्यों नहीं?

देवेंद्र फडणवीस ने कहा, लालू प्रसाद यादव ने बालासाहेब ठाकरे के बारे में क्या कहा? उनके कबीले घुसपैठिए हैं। यह महाराष्ट्र में घुसपैठ करके आया है। अनिल परबा से एक ही उम्मीद थी, लेकिन वह नाकाम रही। आपने जो उदाहरण दिए हैं उनमें स्वतंत्रता सेनानी सावरकर का उदाहरण नहीं दिया है।

क्या होगा अगर वे जन्मस्थान के बारे में बात करते हैं?

देवेंद्र फडणवीस ने कहा, राहुल गांधी स्वतंत्रता नायक सावरकर को माफी मांगने वाला कहते हैं और उनके गले में लटककर खुद को हिंदुत्ववादी कहने वाले कुछ नहीं कहते। भले ही सावरकर को भारत रत्न न मिले, कम से कम उनका अपमान करना बंद करें। कृष्ण और भगवान राम के बारे में अपमानजनक बयान पर ‘माविया’ के लोग कुछ नहीं कहते। वे चुप रहते हैं।

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