नागपुर : कोरोना काल में नागरिकों को रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ाने के लिए अंडा व चिकन बड़े पैमाने पर प्रोटीन का स्त्रोत साबित हो सकता है. यह खाने पर किसी को बर्ड फ्लू नहीं होता है. नागरिकों को बेफिक्र होकर अंडा-चिकन खाने का आवाहन पशुसंवर्धन व मत्स्य विकास मंत्री सुनील केदार ने किया है.
विदर्भ पोल्ट्री फार्मर्स एसोसिएशन व पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय की संयुक्त पहल पर आयोजित ‘चिकन फेस्टीवल’ के दौरान वे बोल रहे थे. कुलगुरु डॉ. आशीष पातुरकर, संचालक विस्तार व शिक्षण डॉ. वी. डी. अहेर, कार्यकारी परिषद सदस्य डॉ. सुधीर दुद्दलवार, विदर्भ पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन के अध्यक्ष राजा दुधबडे आदि इस दौरान उपस्थित थे.
श्री केदार ने कहा कि पशुसंवर्धन विभाग बर्ड फ्लू पर नियंत्रण पाने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास जारी है सोशल मीडिया पर सिर्फ अफवाहें फैलाई जा रही हैं. यह संक्रमण से भी ज्यादा घातक है. अफवाह फैलाने वाले दो लोगों के खिलाफ सायबर शाखा की ओर से केस दर्ज किया गया है और उन्हें उत्तर प्रदेश व आंध्र प्रदेश से गिरफ्तार किया गया है. पोल्ट्री ग्रामीण भागों में किया जाने वाला व्यवसाय है. इस तरह की अफवाहों के चलते ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बहुत ठेस पहुंच रही है. कोरोना महामारी के चलते लागू लॉकडाउन के बाद यह व्यवसाय पहले जैसा हो रहा है. अंडा व चिकन 100 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर पकाई जाती है. अत: इन्हें खाने में किसी भी प्रकार की भय नहीं होना चाहिए.
देश में सर्वाधिक पोल्ट्री निर्यात महाराष्ट्र से होती है. यह राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा आधार है. 2006 के बाद देश में पशुपालन क्षेत्र, व्यावसायिक व किसानों द्वारा किए जा रहे पोल्ट्री फार्मिंग में क्रांतिकारी बदलाव आया है. पोल्ट्री फार्म पर अब ज्यादा से ज्यादा पैमाने पर जैविक सुरक्षा, स्वच्छता आदि निवारक उपायों के अपनाए जाने के कारण पक्षियों में मृत्यु दर बहुत कम है. फार्म में रोग न हो, इसलिए स्थानीय किसान, सरकारी अधिकारी और पोल्ट्री व्यवसायिक सभी आवश्यक निवारक उपाय अपना रहे हैं. अत: नागरिकों को डरने की कोई जरूरत नहीं है और वे बेखौफ होकर अंडा और चिकन खा सकते.