नागपुर समाचार : भारतीय डाक विभाग ने अपनी ऐतिहासिक और भरोसेमंद पंजीकृत डाक सेवा को 1 सितंबर से बंद करने का फैसला लिया है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, इस सेवा को अब स्पीड पोस्ट में मिला दिया जाएगा, ताकि डाक प्रक्रिया तेज, सुविधाजनक और एकीकृत हो सके।
पंजीकृत डाक का उपयोग लंबे समय से महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेजों और सरकारी पत्राचार के लिए किया जाता रहा है, क्योंकि यह केवल संबंधित प्राप्तकर्ता को ही सौंपी जाती है। वहीं, स्पीड पोस्ट समय पर डिलीवरी के लिए जानी जाती है, लेकिन इसमें पत्र घर के किसी भी सदस्य को सौंपा जा सकता है। अब विलय के बाद, स्पीड पोस्ट में “व्यक्ति-विशिष्ट” और “पता-विशिष्ट” डिलीवरी का नया विकल्प जोड़ा जाएगा, जिससे यह पंजीकृत डाक जैसी सुरक्षा सुविधा भी देगा।
दरें रहेंगी किफ़ायती
- वर्तमान में स्थानीय पंजीकृत डाक (20 ग्राम तक) की दर ₹22 है।
- स्पीड पोस्ट (50 ग्राम तक) की स्थानीय दर सिर्फ ₹15 है।
- देशभर में “एक भारत, एक दर” के तहत स्पीड पोस्ट की दर ₹35 (करों को छोड़कर) है।
डाक विभाग का मानना है कि पंजीकृत डाक की घटती मांग को देखते हुए यह बदलाव ग्राहकों को तेज और भरोसेमंद सेवा देगा। कर्नाटक हाईकोर्ट ने भी पंजीकृत डाक के विकल्प के रूप में स्पीड पोस्ट को मान्यता देना शुरू कर दिया है।
नया युग– तेज और सुरक्षित डाक सेवा
हालांकि पंजीकृत डाक का अंत एक युग का अंत होगा, लेकिन सुरक्षा सुविधाओं के साथ तेज स्पीड पोस्ट का आगाज़ ग्राहकों के लिए ज्यादा सुविधाजनक और किफ़ायती साबित होगा।