नागपुर समाचार : शैक्षणिक जगत और उद्योगों के बीच की खाई को पाटने की दिशा में एक दूरदर्शी पहल करते हुए, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय (RTMNU), नागपुर और एमआईडीसी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (MIA), हिंगणा ने मिलकर एक नवीन पाठ्यक्रम बी.कॉम (कॉर्पोरेट प्रशासन) शुरू करने की घोषणा की है। यह सहयोग आज विश्वविद्यालय के मीटिंग हॉल में आयोजित एक समारोह के दौरान कुलपति डॉ. माधवी खोड़े-चावरे, आईएएस और एमआईए अध्यक्ष पी. मोहन के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर और आदान-प्रदान के साथ औपचारिक रूप से स्थापित किया गया।
यह इंडस्ट्री-इंटीग्रेटेड प्रोग्राम कार्यालय एवं औद्योगिक प्रशासन, लेखांकन और औद्योगिक प्रक्रियाओं के मूलभूत पहलुओं को कवर करेगा, जिसमें अकादमिक शिक्षण के साथ-साथ वास्तविक औद्योगिक अनुभव को भी शामिल किया गया है। यह पाठ्यक्रम छात्रों को सैद्धांतिक समझ के साथ-साथ व्यावहारिक कौशल प्रदान करने के उद्देश्य से विशेष रूप से तैयार किया गया है, जिससे वे स्नातक होते ही उद्योग के लिए तैयार हो जाएं।
इस प्रोग्राम की एक विशेष बात यह है कि हर सेमेस्टर में चार (4) सप्ताह का अनिवार्य औद्योगिक प्रशिक्षण शामिल किया गया है, जिससे छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में वास्तविक औद्योगिक कार्यप्रणालियों का प्रत्यक्ष अनुभव मिलेगा। यह पहल क्षेत्रीय उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप कुशल कार्यबल तैयार करेगी, रोजगार की चुनौतियों का समाधान देगी और सतत औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगी।
एमओयू के प्रमुख उद्देश्य
• बी.कॉम (कॉर्पोरेट प्रशासन) यूजी प्रोग्राम का पायलट लॉन्च, प्रारंभिक 40 छात्रों की क्षमता के साथ।
• यूजीसी और एनएसडीसी दिशा-निर्देशों के अनुरूप, शिक्षुता (एप्रेंटिसशिप) आधारित शिक्षा का समावेश।
• राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप, शैक्षणिक निकासी विकल्प: 1 वर्ष में प्रमाणपत्र, 2 वर्ष में डिप्लोमा और 3 वर्ष में डिग्री।
• उद्योग-उपयुक्त पाठ्यक्रम का संयुक्त विकास और अंतिम वर्ष में पेड एप्रेंटिसशिप का प्रावधान।
संस्थागत दायित्व
• RTMNU शैक्षणिक अवसंरचना प्रदान करेगा, फैकल्टी समन्वय करेगा, छात्रों के रेकॉर्ड रखेगा और सफलतापूर्वक पाठ्यक्रम पूर्ण करने पर प्रमाण पत्र जारी करेगा।
• MIA प्रायोगिक प्रशिक्षण की सुविधा देगा, उद्योग प्रशिक्षकों की अनुशंसा करेगा, औद्योगिक इकाइयों में प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेगा और प्लेसमेंट व पोस्ट-प्रोग्राम रोजगार में सहायता करेगा।
एमओयू के तहत एक स्व-वित्तपोषित मॉडल निर्धारित किया गया है, जिसमें प्रवेश राजस्व का 20% विश्वविद्यालय द्वारा ओवरहेड्स के लिए रखा जाएगा। प्रशिक्षकों के मानदेय और स्टाफ सपोर्ट को यूजीसी मानदंडों के अनुसार प्रोग्राम के संचालन निधि से प्रबंधित किया जाएगा। एक निगरानी समिति (Monitoring Committee) गठित की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता RTMNU और MIA के वरिष्ठ अधिकारी करेंगे। यह समिति वर्ष में कम से कम दो बार बैठक कर छात्र प्रगति, वित्तीय स्थिति और समग्र प्रभाव की समीक्षा करेगी।
एमओयू हस्ताक्षर के समय उपस्थितों में RTMNU की ओर से डॉ. माधवी खोड़े-चावरे, आईएएस, कुलपति,डॉ. सुभाष खोंडवार, प्रो-वाइस चांसलर,डॉ. राजू हिवसे, रजिस्ट्रार,डॉ. मेधा कानेटकर, संकाय सदस्य, डॉ. विजय खंडाल, निदेशक, IIL, डॉ. अनंत देशमुख, विभाग प्रमुख, डॉ. राहुल खरबे, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर,डॉ. भूषण महाजन, प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट अधिकारी का समावेश रहा।
MIA की ओर से पी. मोहन, अध्यक्ष, अरुण लांजेवार, सचिव, अजय अग्रवाल, उपाध्यक्ष, सचिन जैन, कार्यकारी अध्यक्ष, अरविंद कालिया, उपाध्यक्ष, राकेश गुप्ता, कार्यकारी सदस्य, नीलकंठ गुप्ता, कार्यकारी सदस्य शामिल हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ. माधवी खोड़े-चावरे ने कहा,“यह पहल एनईपी 2020 के तहत हमारी दृष्टि के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य पेशेवर रूप से सक्षम स्नातकों को तैयार करना है। MIA के साथ हमारा सहयोग यह सुनिश्चित करेगा कि हमारे छात्रों को कक्षा में ज्ञान के साथ-साथ औद्योगिक दक्षता भी प्राप्त हो।”
पी. मोहन, अध्यक्ष, MIA ने कहा, “हमें RTMNU के साथ इस ऐतिहासिक प्रोग्राम में साझेदारी करके गर्व हो रहा है। यह हमारे उस संकल्प को दर्शाता है जिसमें हम विद्यार्थियों को उद्योग-संगत शिक्षा और मेंटरशिप के माध्यम से नौकरी के लिए तैयार पेशेवर बनाना चाहते हैं।” यह साझेदारी उच्च शिक्षा में एक मील का पत्थर साबित होगी और देशभर के अन्य विश्वविद्यालयों और उद्योग संघों के लिए एक आदर्श उदाहरण बनेगी।