नागपुर। हिंदी भारत देश के राजभाषा है, हमें राष्ट्रभाषा बनाने के लिए और अधिक प्रयत्न करने होंगे। विश्व स्तर पर हिंदी इस बोलचाल की भाषा के रूप में सर्व स्वीकार है जरूरत है हिंदी को स्वीकार करने की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अजय पाटिल ने आगे कहा महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा विभागीय कार्यालय नागपुर हिंदी की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए तत्पर है, आप आगे आए हम आपके साथ हैं।
कार्यक्रम में अतिथि के रूप में राष्ट्र पत्रिका के संपादक कृष्ण नागपाल जिन्होंने हिंदी को स्थापित करने के लिए प्रयास की जरूरत और महत्व दिया और कवि हस्ती में हस्ती की कविता पाठ पड़ी इसी क्रम में
दूसरे अतिथि सुदर्शन चक्रधर ने हिंदी को केंद्र में रख काव्य पाठ किया उनके बोल थे,
खंड खंड देश के अखंड अंधकार में
प्रचंड हो प्रकाश ऐसी रोशनी फैलाएं
यमराज से संवाद करते हुए सुंदर व्यंग प्रस्तुत किया।
मराठी साहित्य के स्थापित साहित्यकार सुभाष वरहोकर ने यथार्थ परक हिंदी को लेकर वृक्ष के माध्यम से अपनी व्यथा व्यक्त की।
इस कार्यक्रम में हिंदी को केंद्र में रखकर हिंदी की स्थिति को समझा कर और हिंदी के प्रति किए जाने वाले कार्यों को प्रस्तुत कर कवि महेश तिवारी, पारसनाथ शर्मा, राजेश परमार, रविंद्र देवघरे शलभ, सुरेंद्र मेश्राम,
तन्हा नागपुरी, सुधाकर त्रिफला बलवंत भोहर, सुभाष वरषेकर, अनिकेत के साथ माधुरी राउलकर, अलका देशपांडे, वीणा आडवाणी, प्रभा मेहता, विशाखा कांबले, के बाद वाह वाह जिन्होंने ली आवारापन हिंदी पत्रिका के संपादक नीरज ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा वे अभी हिंदी के विद्यार्थी हैं
उनकी कविता थी,
पानी मैला क्यों नहीं क्योंकि बहता है
पानी सड़ता क्यों नहीं क्योंकि बहता है
पानी एक बूंद से झरना
झरने से नदी
नदी से महानदी होकर
सागर बनता है क्योंकि वह बहता है।
शानदार कविताओं के साथ प्रथम स्वागत व प्रस्तावना कार्यक्रम संयोजक दैनिक ‘खबरों में हमारा शहर’ के संपादक डॉ. आनंद शर्मा ने की।
कार्यक्रम का संचालन संस्था के कार्यवाहक सचिव नरेंद्र परिहार ने किया। कार्यक्रम का आभार राजेश परमार ने किया।
कार्यक्रम महाराष्ट्र भाषा सभा के धनवटे सभागृह में आज दिनांक 20 सितंबर 2021 को शाम 4:00 बजे संपन्न हुआ।