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नागपुर : “शक्ति” की तरह आरोपियों पर नकल कसेगा सायबर एक्ट

हाइलाइट्स

  • 45 दिनों के भीतर होंगा दर्ज मामलों का निपटारा
  • 36 जिलो में गटीत होंगी विशेष अदालतें 

नागपुर : महिलाएं और बच्चों पर होनेवाले अत्याचार रोकने तथा आरोपियों पर नकेल कसने के लिए राज्य सरकार की ओर से ‘शक्ति’ जैसा मजबूत कानून लाया गया है. अब साइबर अपराध के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए इसी तर्ज पर साइबर एक्ट लाने की जानकारी गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पत्र परिषद में दी. उन्होंने कहा कि शक्ति की तरह ही साइबर कानून भी कड़ा होगा. उन्होंने कहा कि इस कानून के अंतर्गत दर्ज मामलों का निपटारा 45 दिनों के भीतर करने का प्रावधान किया गया है. कुकर्म करनेवालों को सीधे फांसी का सजा का प्रावधान किया गया है. एक दिन पहले ही मंत्रीमंडल की ओर से इसके प्रारूप को मंजूरी प्रदान की गई है. आंध्र प्रदेश के दिशा कानून की तरह शक्ति कानून तैयार किया गया है. महिलाओं पर होनेवाले अत्याचार की तरह अब साइबर अपराधों में भी वृद्धि होते जा रही है. भविष्य में इसकी स्थिति का अंदाजा होने से साइबर कानून को भी पुख्ता किया जाएगा.

गृहमंत्री ने कहा : सोशल मीडिया पर महिलाओं बदनाम करनेवाले फोटो या पोस्ट डालने पर संबंधित आरोपी को शक्ति कानून में 2 वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है इसी तरह यदि किसी महिला द्वारा झूठी शिकायत दर्ज की गई हो, तो उसे भी एक वर्ष की सजा का प्रावधान इस कानून में किया गया है. उन्होंने कहा कि कानून केवल किताबों तक सीमित ना रहे, उसका असरदार अमल हो, इसके लिए राज्य के सभी 36 जिलों में विशेष अदालतों की स्थापना होगी. इसके लिए आवश्यक कर्मचारी और अन्य व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए 45 करोड़ बजट का प्रावधान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि शक्ति कानून का प्रारूप तैयार करने से पहले महिलाओं की विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की गई. सर्वदलीय महिला विधायकों के साथ भी बारीकी से चर्चा की गई.सभी के सुझावों को गंभीरता से लेकर कानून को “शक्ति” नाम दिया गया.

समन्वय से मजबूत हुई महाविकास आघाडी 

  • गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के हाल ही में हुए चुनाव में महाविकास आघाड़ी एकजुट होकर लड़ी है, नेताओं के साथ ही कार्यकर्ताओं ने भी आपसी मदभेद भुलकर अपने प्रत्याशी को जीताने में स्वयं को झोंक दिया.
  • इसी वजह से विधान परिषद की 5 में से 4 सीटें जीतने में महाविकास आघाड़ी को सफलता हाथ लगी है. विधायक अभिजीत वंजारीने तो इतिहास रच दिया है.
  • इसे देखते हुए भाजपा को सत्ता से अलग करने के लिए अब भविष्य के सभी चुनाव महाविकास आघाड़ी की तर्ज पर लड़ने का शुरूआत राकां के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवारने की है. निकट भविष्य में होनेवाली महानगर पालिकाओं के चुनाव में भी महाविकास आघाड़ी बरकरार रहने की आशा उन्होंने जताई.

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