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नागपुर समाचार : ७० साल पुरानी ‘डोबी बस्ती’ को बिना पुनर्वसन उखाड़ने की साजिश

स्थानीय नागरिकों ने जताया विरोध, संघर्ष समिति ने रेल प्रशासन पर लगाया गंभीर आरोप

नागपुर समाचार : दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे द्वारा इतवारी से मोतीबाग स्टेशन के बीच स्थित एन.जी. 1241/8-11 नॉन-डीपी साइड की ‘डोबी बस्ती’ को कथित रूप से बिना कानूनी प्रक्रिया और पुनर्वसन के उखाड़ने की कार्रवाई को लेकर क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है। लगभग 300 मकानों वाली यह बस्ती पिछले 60 से 70 वर्षों से अस्तित्व में है और शासकीय रिकॉर्ड में नझुल/स्लम क्षेत्र के रूप में दर्ज है।

डोबी बस्ती बचाव संघर्ष समिति के कोर कमेटी सदस्य फईम अंसारी, जावेद अख्तर, वकार अंसारी, मोईनुद्दीन शेख, मोहम्मद फिरोज गोलू व अन्य ने पत्रकार भवन में अर्ज प्रस्तुत कर बताया कि रेल प्रशासन ने बिना किसी वैधानिक सर्वे या पुनर्वसन योजना के नोटिस जारी किए हैं। कई नोटिस मृत व्यक्तियों के नाम पर हैं, वहीं कुछ नोटिस बंद घरों पर चिपकाए जा रहे हैं।

संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, क्योंकि प्रभावित परिवारों को न तो वैकल्पिक ठिकाना दिया गया है और न ही मुआवज़ा। इस प्रकरण में Write Petition No. 6540/2025 के तहत न्यायालयीन कार्यवाही भी प्रारंभ की जा चुकी है, जिसमें गैरअर्जदारों को 6 नवंबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश मिले हैं।

स्थानीय विधायक प्रवीण दटके ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए नागरिकों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है। बस्तीवासियों ने मांग की है कि जब तक न्यायालय का निर्णय नहीं आता, तब तक किसी भी तरह की जबरन तोड़फोड़ या बेदखली न की जाए।