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गडचिरोली समाचार : शीर्ष माओवादी नेता भूपति ने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को सौंपे हथियार, संविधान की प्रति देकर मुख्यधारा में हुआ स्वागत

गडचिरोली समाचार : नक्सल आंदोलन को बुधवार को बड़ा झटका लगा। सीपीआई (माओवादी) के पोलित ब्यूरो सदस्य मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ भूपति ने आत्मसमर्पण कर दिया। गडचिरोली के पुलिस मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सामने भूपति ने साठ साथियों के साथ आत्मसमर्पण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भूपति को संविधान की प्रति देकर मुख्यधारा में स्वागत किया। एंटी-नक्सल अभियान के तहत इतिहास का यह सबसे बड़ा आत्मसमर्पण है। 

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को बुधवार को बड़ी कामयाबी मिली। खुखार नक्सली, सीपीआई (माओवादी) के पोलित ब्यूरो और केंद्रीय समिति के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ भूपति उर्फ सोनू ने अपने 60 साथियों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया।

गढ़चिरौली पुलिस मुख्यालय में आयोजित विशेष कार्यक्रम में भूपति ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को हथियार सौंपकर आत्मसमर्पण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने संविधान की प्रति देकर भूपति और उसके साथियों का मुख्यधारा में स्वागत किया। भूपति एक वरिष्ठ नक्सली रणनीतिकार रहे हैं, जिन्होंने महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर लंबे समय तक प्लाटून गाइड के रूप में काम किया।

हालांकि, पिछले कुछ महीनों से उनका नक्सली संगठन के शीर्ष नेतृत्व से वैचारिक मतभेद चल रहा था। उन्होंने खुलकर स्वीकार किया था कि ‘सशस्त्र संघर्ष’ विफल हो चुका है। एक पर्चे में उन्होंने जनसमर्थन में कमी और सैकड़ों साथियों के मारे जाने का हवाला देते हुए संघर्ष के बजाय बातचीत को एकमात्र विकल्प बताया था। उनके इस रुख का संगठन के महासचिव थिप्पारी तिरुपति उर्फ देवजी के नेतृत्व वाले धड़े ने कड़ा विरोध किया।

आखिरकार, संगठन की केंद्रीय समिति ने दबाव बनाकर उन्हें हथियार डालने का आदेश दिया, जिसके बाद भूपति ने संगठन से बाहर निकलने की घोषणा कर दी। बता दें कि इससे पहले जनवरी में उनकी पत्नी और वरिष्ठ नेता तारक्का भी आत्मसमर्पण कर चुकी हैं। भूपति का आत्मसमर्पण नक्सल अभियान को सबसे बड़ा झटका है।