रामटेक समाचार : विदर्भ के अष्टविनायक गणेश मंदिरों में रामटेक का प्रसिद्ध 18 भुजा गणेश मंदिर शामिल है। रामटेक अनेक मंदिरों का धार्मिक स्थल है। कहा जाता है कि इस 18 भुजा गणेश मंदिर में जो भी श्रद्धालु श्रद्धापूर्वक श्री गणेश के तीनों स्वरूप महागणपति, रिद्धि-सिद्धि विनायक और श्री 18 भुजा गणेश और महालक्ष्मीजी के दर्शन और पूजन-अर्चन करता है। उसके सारे मनोरथ पूरे होते हैं।
चतुर्थी पर बंटता है महाप्रसाद
इस मंदिर की देखभाल की जिम्मेदारी श्री 18 भुजा गणेश देवस्थान पंचकमेटी रामटेक ने ली है. यहां हर गणेश चतुर्थी को पूजा-अर्चना व महाप्रसाद का आयोजन किया जाता है। गणेश उत्सव के दौरान नौ दिवसीय विभिन्न धार्मिक उत्सवों का आयोजन किया जाता है।
इसके लिए अध्यक्ष हुकुमचंद बड़वाईक, रितेश चौकसे, विजय सलामे, ऋषिकेश किंमतकर, सुमित कोठारी, गुड्डू बघेले, स्वप्निल खोड़े, रवि मथुरे, रवि महाजन, गोलू खेडकर, कमलाकर महाजन, दिलीप मेहरकुले सहित मंडल के सभी स्वयंसेवक कार्यरत है।
16 वीं सदी में हुआ था निर्माण
यह 18 भुजा गणेश मंदिर विदर्भ में प्रसिद्ध है. महाराष्ट्र में इस प्रकार की यह एकमात्र मूर्ति है. मूर्ति के 18 हाथ है और हर हाथ में अलग-अलग शस्त्र हैं। मोर पंख, मुद्गल, फरसा, मोदक, गले में व कमर में नागपट्टा, कमल के फूल पर विराजमान हैं। इस मंदिर को महाराष्ट्र सरकार तीर्थस्थान का ‘क’ दर्जा प्राप्त है। इसी मंदिर में श्री गणेश के तीनों स्वरूप महागणपति, रिद्धि-सिद्धि विनायक और श्री 18 भुजा गणेश और महालक्ष्मीजी के दर्शन होते हैं।




