नागपुर समाचार : नागपुर मनपा के सामाजिक विकास विभाग के कौशल विकास केंद्र द्वारा विकसित, तालाब में पाए जाने बाले जलपक्षी पौधों से विभिन्न घरेलू वस्तुएँ बनाने की परियोजना, हस्तशिल्प केंद्र का उद्घाटन को पारडी स्थित कौशल विकास केंद्र में संभागीय आयुक्त श्रीमती विजयलक्ष्मी बिदरी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती डॉ. माधवी खोड़े-चावरे, नागपुर नगर निगम के आयुक्त एवं प्रशासक डॉ. अभिजीत चौधरी, अतिरिक्त श्रीमती वैष्णवी बी., सामाजिक विकास विभाग की उपायुक्त डॉ. रंजना लाडे, सहायक आयुक्त विजय थुल, अजय बहुउद्देशीय संगठन की निदेशक श्रीमती स्वाति घोतकर उपस्थित थीं। तालाब में बेकार पड़ी कुमुदिनियों से अब हस्तशिल्प का सामान बनाया जा रहा है, जिससे महिला स्वयं सहायता समूहों को आय का एक स्रोत मिला है। इस अवसर पर कुमुदिनियों से बनी कलात्मक वस्तुओं की एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। ये वस्तुएँ चंद्रपुर जिले के भद्रावती स्थित अजय बहुउद्देशीय संस्था द्वारा निर्मित की गई थीं।
परियोजना महिलाओं को रोजगार प्रदान करने का एक माध्यम बन सकती है। सरकारी कार्यालयों, विश्वविद्यालयों और नागपुर नगर निगम कार्यालय से इस केंद्र से वस्तुएँ खरीदने का आग्रह किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इन बस्तुओं का नागपुर में अच्छा बाजार होगा।
मनपा आयुक्त एवं प्रशासक डॉ. अभिजीत चौधरी ने कहा कि पर्यावरण के लिए हानिकारक कुमुदिनियों से घरेलू वस्तुएँ बनाने की यह अभिनव पहल महिलाओं को सशक्त बना रही है। अजय बहुउद्देशीय संस्था ने इनसे सामान बनाने का प्रशिक्षण देने की पहल की। उन्होंने कम समय में ही महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित किया। इससे महिलाओं को आजीविका का साधन मिल सकता है। इसके लिए महिलाओं को इस पहल में लगातार काम करना चाहिए। डॉ. माधवी खोड़े-चावरे कहा कि इससे महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनने में मदद मिलेगी। यह एक छोटी सी शुरुआत है, लेकिन हम इससे एक बड़ा निर्माण कर सकते हैं। इस तरह की परियोजना से महिलाओं को प्रेरणा और ऊर्जा मिलेगी।
इस अवसर पर संभागीय आयुक श्रीमती विजयलक्ष्मी बिदरी ने कहा कि कुमुदिनियाँ तालाब के पानी को प्रदूषित करती हैं। नागपुर नगर निगम ने पर्यावरण के लिए हानिकारक कुमुदिनियों से उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन करके एक अभिनव पहल की है।
यह शहर में अंबाझरी झील और अन्य झीलों में जलपर्णी के पौधे बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं। यह पौधा झील में प्रदूषण बढ़ाता है। सामाजिक विकास विभाग के कौशल विकास केंद्र ने इस बेकार जलपर्णी से सामान बनाने की परियोजना को लागू करने का फैसला किया।
इस पौधे की पत्तियों को संसाधित करने और इससे विभिन्न सामान बनाने की एक परियोजना कुछ दिनों पहले शुरू की गई थी। यह पहल नागपुर नगर निगम और डीएवाई एनयूएलएम के सहयोग से कार्यान्वित की जा रही है। इसके लिए शहर की महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण दिया गया। संचालन मनपा के जनसंपर्क अधिकारी मनीष सोनी ने किया। आभार प्रदर्शन श्रीमती शारदा भुसारी ने किया। कार्यक्रम में श्रीमती रीता मते, श्रीमती जयश्री टाक, श्रीमती रोजी भूटे, श्रीमती छब्यू अंबुलकर, श्रीमती रंजना नागपुरे और दिव्यांग श्रीमती धनश्री पाठाड़े को गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सम्मानित किया गया। इससे पहले, गणमान्य व्यक्तियों ने केंद्र का निरीक्षण किया और विभिन्न वस्तुओं के बारे में जानकारी प्राप्त की।




