मुंबई समाचार : गणेश चतुर्थी जैसे महत्वपूर्ण त्योहार से पहले महाराष्ट्र सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। अब प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) से बनी गणेश मूर्तियों पर लाल रंग का चिन्ह लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा जारी सुधारित मार्गदर्शक तत्त्वों (गाइडलाइन्स) के अंतर्गत लिया गया है।
क्या है सरकार का नया नियम?
- अब हर पीओपी से बनी मूर्ति पर स्पष्ट लाल निशान लगाया जाएगा।
- यह लाल निशान इस बात की पहचान होगा कि मूर्ति पीओपी से बनी है, ताकि प्रशासन और नागरिक इसे विसर्जन के दौरान अलग पहचान सकें।
- यह नियम राज्यभर में मूर्ति निर्माता, विक्रेता और आयोजकों पर लागू होगा।
क्यों लिया गया यह फैसला?
- पीओपी से बनी मूर्तियाँ पानी में घुलती नहीं हैं, जिससे नदियों, झीलों और समुद्र में भारी प्रदूषण होता है।
- मूर्ति में प्रयुक्त रसायन और रंग पानी को विषैला बनाते हैं, जिससे जलीय जीवों को नुकसान होता है।
- इसी वजह से सरकार ने पीओपी मूर्तियों के नियंत्रण हेतु यह सख्त कदम उठाया है।
गाइडलाइन्स के अन्य अहम बिंदु
- मिट्टी से बनी मूर्तियों को प्राथमिकता देने की सिफारिश।
- मनपा और ग्राम पंचायतें कृत्रिम विसर्जन कुंड/टैंक की व्यवस्था करेंगी।
- सार्वजनिक स्थानों पर सिर्फ इको-फ्रेंडली मूर्तियों के विसर्जन की अनुमति दी जाएगी।
- प्रशासन को हक होगा कि वह बाजारों में बिक रही मूर्तियों की जांच करे और नियमों का पालन न होने पर कार्रवाई करे।
- स्कूलों और सामाजिक संस्थाओं को पर्यावरण-अनुकूल गणेशोत्सव मनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
सरकार की अपील
राज्य सरकार ने सभी गणेश मंडलों, नागरिकों और मूर्तिकारों से अपील की है कि वे इस साल ‘हरित गणेशोत्सव (Green Ganeshotsav)’ को अपनाएं और पर्यावरण की रक्षा में भागीदार बनें।