नागपुर समाचार : सरकार के विविध योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम घटक तक पहुंचाने की जवाबदारी राजस्व विभाग की है। इसलिए विभाग को अधिक गतिशील व पारदर्शी बनाने का राजस्व व संकल्प है। लोकाभिमुख प्रशासन की संकल्पना पूर्ण करने के लिए अधिकारियों कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए। इस उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए समयानुसार कार्यप्रणाली बदली जानी चाहिए। यह अपील राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने की। वे नियोजन भवन में राजस्व दिवस व सप्ताह के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। इस अवसर पर विविध उपक्रम व योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाणपत्रों का वितरण भी किया गया। इस अवसर पर विधायक परिणय फुके, चरण सिंह ठाकुर, विभागीय आयुक्त विजयलक्ष्मी बिदरी, जिलाधिकारी विपिन इटनकर, सीईओ विनायक महामुनि, राजस्व अपर आयुक्त राजेश खवले, अपर जिलाधिकारी प्रवीण महिरे, निवासी उपजिलाधिकारी अनूप खाडे व विविध संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि राज्य में पारदर्शी प्रशासन की शुरुआत मंत्रालय से लेकर गांव तक शुरू हो गई है और यही भूमिका संभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को
अपनानी चाहिए। बावनकुले ने कहा कि कालबाह्य हो चुके कानूनों को बदलकर उनके बदले जनता को सुलभ सेवा उपलब्ध कराने के लिए कानून के अमल की शुरुआत हो चुकी है। टुकड़ेबंदी नियम में बदलाव से १.५ नागरिकों को लाभ मिला है। मंत्रालय स्तर पर प्रलंबित १३ हजार प्रकरणों का निपटारा करने का संकल्प है।
पांधन रास्तों को किया जाएगा मजबूत
२२ किसानों को खेती कार्य के लिए खेत में १२ महीने आने-जाने, उपज के परिवहन, बड़े उपकरणों आदि के सुलभआवागमन के लिए खेतों में रोड यानी खेत रास्ते व पांधनों को मजबूत करने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। संपूर्ण राज्य में पांघन रास्तों के अध्ययन के लिए राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की अध्यक्षता में २३ सदस्यीय समिति गठित की गई है। समिति में अनेक मंत्रियों के साथ ही आलाधिकारी भी शामिल हैं। समिति पांधन रास्तों के मजबूतीकरण के लिए उपाययोजना का अध्ययन करेगी। अस्तित्व में जो मातोश्री पांघन रास्ते हैं उसकी त्रुटियों को दूर करने, नागपुर, अमरावती, लातूर जिलों में बनाए गए खेत रास्तों के संदर्भ में योजना का अध्ययन करेगी। पांधन रास्तों के लिए निधि कैसे उपलब्ध की जाए या स्वतंत्र निधि का प्रावधान किया जाए आदि विविध संदर्भों में अध्ययन करेगी।