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नागपुर : कृषि सुधार बिल को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 

नागपूर में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने किया ऐलान 

नागपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार द्वारा संसद में पारित कराए गए कृषि सुधार बिल को किसान विरोधी बताया है। बघेल ने कहा कि केन्द्र द्वारा पारित तीनों बिल रोकने के लिए संविधान के दायरे में रहते हुए हर संभव प्रयास किया जाएगा। सफलता नहीं मिली तो न्यायालय में चुनौती देंगे और कांग्रेस बिल का सड़क से संसद तक विरोध करेगी। बघेल कृषि सुधार बिल के विरोध में गुरुवार को नागपुर में पत्रकारवार्ता के दौरान बोल रहे थे।

इस अवसर पर केंद्र सरकार और भाजपा पर निशाना साधते हुए बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार ने लोकसभा में बहुमत के बल पर और राज्यसभा में हंगामे के बीच बिल पास करवा लिया है। फिलहाल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिल पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। नतीजतन, कांग्रेस राष्ट्रपति के पास अपील करेगी कि वह किसान विरोधी बिल पर हस्ताक्षर ना करें। बघेल ने बताया कि कांग्रेस हर संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करते हुए बिल का विरोध करेगी। इसके लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा और मौका पड़ने पर कांग्रेस शासित राज्यों में यह बिल लागू ना हो, इसके लिए प्रयास किया जाएगा।

काला कानून है बिल

उन्होंने इसे काला कानून बताते हुए आरोप लगाया कि यह कानून केंद्र-राज्य संबंधों और हमारे संविधान की संघीय व्यवस्था पर हमला है। जिस तरीके से किसान विरोधी तीन बिल लाए गए हैं, वह किसानों पर हमला है। एक तरफ हम लोग कोरोना से लड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर किसान विरोधी काले कानून लाने वाली केंद्र सरकार के खिलाफ भी लड़ने की घड़ी आ गई है। उन्होंने कहा कि इसे किसानों तक सीमित ना रखते हुए आम आदमियों तक ले जाने की जरूरत है। कानून से महंगाई बढ़ेगी और आम आदमी भी प्रभावित होगा। यह राज्य सरकार के अधिकारों पर भी हमला है। उपभोक्ताओं को जागरूक करने की आवश्यकता है। आवश्यक वस्तु अधिनियम में परिवर्तन की बात को लेकर भी हमें आम जनता के बीच जाना होगा।

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