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नागपुर समाचार : महिलाओं को कृषि की ओर रुख कर, अपने परिवार की रक्षा करनी चाहिए – कांचनताई गडकरी

उत्साहपूर्ण माहौल में प्रदान किया गया ‘प्रायोगिक खेती पुरस्कार 2025’

वसंतराव नाइक प्रतिष्ठान एवं वनराई फाउंडेशन द्वारा आयोजन 

पुरस्कार राशि धापेवाड़ा स्थित विट्ठल-रुक्मिणी देवस्थान प्रदान की जाएगी

नागपुर समाचार : ‘माँ और ‘मिट्टी, ये दो ही चीजें नवप्रवर्तन पैदा कर सकती हैं। मिट्टी में अच्छे बीज बोए जाएँ तो फल भी अच्छे, संस्कारि और गुणकारी होंगे। इसलिए परिवार का महत्वपूर्ण अंग होने के नाते महिलाओं को परिवार का पालन-पोषण करते हुए खेती करनी चाहिए और घर के पिछवाड़े/ पिछले हिस्से में उत्पादित गुणकारी सब्जियों के माध्यम से परिवार की रक्षा करनी चाहिए, ऐसा आवाहन प्रायोगिक खेती करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता कांचनताई गडकरी ने सभी महिलाओं से किया।

मंगलवार को वसंतराव नाईक प्रतिष्ठान और वनराई फाउंडेशन की ओर से श्रीमती कंचन गडकरी को वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. सी. डी. मायी ने ‘प्रायोगिक खेती पुरस्कार 2025’ प्रदान किया। पुरस्कार में 30,000 रुपये नकद, शॉल, श्रीफल और स्मृति चिह्न शामिल थे। एनरिको हाइट्स कन्वेंशन हॉल में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता वनराई फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. गिरीश गांधी ने की, जबकि डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. शरदराव गडाख, पूर्व विधायक और वसंतराव नाईक फाउंडेशन के अध्यक्ष एडवोकेट निलय नाईक, सचिव प्रगति पाटिल और पर्यावरणविद् डॉ. अजय पाटिल मंच पर मौजूद थे।

नितीन गडकरी का मिला मार्गदर्शन 

कांचनताई गडकरी ने कहा कि उन्हें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मार्गदर्शन में धापेवाड़ा में कृषि में विभिन्न प्रयोग करने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी मां से मिली कृषि विरासत, सास से परिवार का सहयोग, सहकर्मियों का सहयोग, साथ ही पानी, मिट्टी और समय का उचित प्रबंधन उन्हें विभिन्न प्रयोग करने और उनमें सफलता प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने किसानों को कृषि में विभिन्न प्रयोग करने के लिए प्रेरित करने और उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से यह पुरस्कार स्वीकार किया है। धापेवाड़ा में विठ्ठल रुक्मिणी मंदिर देवस्थान को पुरस्कार की राशि दी जाएगी ऐसि घोषणा उन्होंने की ।

किसानों को प्रेरणा लेनी चाहिए- डॉ. सी. डी. मायी

देश में कृषि क्षेत्र में हाइब्रिड जैसी नई तकनीक लाने वाले वसंतराव नाइक के नाम पर दिए जाने वाले पुरस्कार के लिए कंचनताई का चयन होना बहुत ही उचित है। डॉ. सी. डी. मायी ने कहा कि धापेवाड़ा में कांचनताई द्वारा किए गए प्रयोगों से किसान प्रेरणा लें तो यह पुरस्कार सार्थक होगा।

गडकरी कृषि मंत्री जैसे हैं- डॉ. शरदराव गडाख

नितिन गडकरी को भले ही सडक परिवहन मंत्री के रूप में जाना जाता है, लेकिन वे सही मायने में ‘कृषि मंत्री’ हैं। कृषि के प्रति अगाध प्रेम रखने वाले गडकरी कृषि में नए प्रयोग करते हैं और दूसरों को दिशा देते हैं, यह कहते हुए डॉ. शरदराव गडाख ने नितिन गडकरी के मार्गदर्शन में कांचनताई द्वारा कृषि के लिए किए गए कार्यों की प्रशंसा की।

अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ. गिरीश गांधी ने कंचनताई गडकरी की प्रशंसा करते हुए उन्हें महिलाओं और किसानों के लिए एक प्रेरणादायी उदाहरण बताया और नागपुर तथा विदर्भ को उन पर गर्व महसूस कराया। अपने परिचय में एडवोकेट निलय नाईक ने कृषि क्षेत्र में नितिन गडकरी और कंचनताई गडकरी के काम की प्रशंसा की और कहा कि वसंतराव नाईक साहब के सपनों को पूरा करने में दंपत्ति ने बहुत बड़ा काम किया है। डॉ. अजय पाटिल ने कांचनताई गडकरी का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि कंचनताई द्वारा यह पुरस्कार स्वीकार करने से इस पुरस्कार की प्रतिष्ठा और बढ़ गई है।

कार्यक्रम का संचालन प्रगति पाटिल ने बहुत ही शानदार ढंग से किया तथा आभार प्रदर्शन बाळ कुलकर्णी ने किया। इस अवसर पर कांचनताई की मां, बेटी और बहू के साथ-साथ अनिरूद्ध पाटील, हेमंत गांधी, प्रकाश इटनकर, आत्‍माराम नाईक, डॉ. सुजाता नाईक, सुनील राठोड, शुभांकर पाटील, इसरेल सेठ, दिपाली जाधव, अॅड. वनिता पवार, जयप्रकाश गुप्‍ता, अनुराधा राठोड, अरुणा जाधव, माधुरी मुंधडा, रुपाली जयस्‍वाल, चेतना कांबळे, राजश्री राठोड, नलिनी पवार, जयश्री राठोड और कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे.

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